डिंडौरी। अक्टूबर भी 21 दिन बीत चुका है, फिर भी मानसून प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. डिंडौरी में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. भारी बारिश ने अन्नदाता की फसलें चौपट कर दी है.
डिंडौरी सहित आसपास के विकासखंडों में तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से जहां धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई, वहीं सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. डिंडौरी जिले में कृषि ही आय का सबसे बड़ा जरिया है. जहां बैगा आदिवासी के साथ-साथ अन्य वर्ग भी खेती-किसानी का काम करते हैं. किसानों ने धान की देसी और हाइब्रिड किस्में लगाई थी, लेकिन फसल कटने से पहले हुई बारिश ने खड़ी फसल को चौपट कर दिया.