डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के लिखनी गांव में आजादी के बाद पहली बार सड़क बनाने की जितनी खुशी ग्रामीणों को थी. उतनी ही खुशी नोनिहलों को भी थी . जिनके साइकिल के पहिये कभी उबड़-खाबड़ पगडंडियों में चला करती थी. लोकनिर्माण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे की मानें तो सड़क निर्माण के लिए 94 लाख रुपये की लागत मंजूर हुई थी. लेकिन विभाग ने लगभग 75 लाख रुपये में परमार कंस्ट्रक्शन को सड़क बनाने का काम दे दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने गांव में सड़क सिर्फ 7 दिन में ही बना दी.
दो गांवों को जोड़ने के लिए बनी सड़क उखड़ी
ईटीवी भारत को लिखनी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने के 7 दिनों बाद ही खराब हो गई. सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि ग्रामीणों के हाथ से ही सड़क उखड़ रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कृष्णा परमार जो बीजेपी नेता हैं, उन्होंने सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया है.
बिना बेस के सड़क बनाने का आरोप
मझियाखार और लिखनी के गांव वालों ने लोकनिर्माण विभाग के ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बताया कि महज सात दिन पहले बनी सड़क को हाथों से उखाड़ा जा सकता है. सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में बेस के नाम पर बड़े-बड़े पत्थरों को बिछा दिया गया और रोलर चलाए बिना ही डामरीकरण कर दिया गया.
बीजेपी नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप