डिंडौरी।15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया है. एक साल पूरा होने पर विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में कितना काम किया और जनता की कसौटी पर कितनी खरी उतरी है. डिंडौरी के शहपुरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी ने एक साल पूरा होने पर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
जल योजना की मिली सौगात
विधायक भूपेंद्र मरावी का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या पानी है. जिसके चलते नर्मदा किनारे के गांवों की महिलाओं को 2 से 3 किलोमीटर दूर पानी लेने जाना पड़ता है. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयास के चलते 600 से ज्यादा गांव में 600 करोड़ रुपए के लगभग शहपुरा और डिंडौरी क्षेत्र में जल योजना का सौगात मिली है.
पलायन को लेकर विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा की पिछले 15 सालों में बीजेपी सरकार की तुलना में कांग्रेस सरकार का जीडीपी का ग्राफ कम हुआ है. युवाओं को रोजगार मिल रहा है और इसके लिए आगे भी प्रयास किये जा रहे हैं. किसानों को मुआवजा देने के विषय में विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा कि 1 साल में 21 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. भूपेंद्र मरावी का कहना है कि क्षेत्र में काफी किसानों का कर्ज माफ होता जा रहा है.
शहपुरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक का रिपोर्ट कार्ड पर्यटन के क्षेत्र में किया काम
कांग्रेस के शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी ने पर्यटन के क्षेत्र में नर्मदा के घाटों और घुघवा फॉसिल्स पार्क सहित अन्य जगहों को बढ़ावा मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित प्रभारी मंत्री तरुण भनोत को अवगत कराया हैं. विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को जानने के लिए लगातार 200 किलोमीटर क्षेत्र का दौरा करते हैं. पूर्व सरकार के समय मे शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के देवरगढ़ और बिलगड़ा डैम से अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों को पानी खेतों में नहीं मिल पाता था. लेकिन अब व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए इसमें सुधार किया जा रहा है.
'आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम से जानी ग्रामीणों की समस्या
भूपेंद्र मरावी का कहना है कि कमलनाथ सरकार बनने के बाद पहला प्रैक्टिकल शहपुरा में योजना समिति की बैठक से शुरू हुई. जहां पर जिला के आला अधिकारी सहित जिले के प्रभारी मंत्री की योजना समिति की बैठक की गई. वहीं 'आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम' के तहत गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं जानी. जिसका अच्छा फीडबैक मिल रहा है और ग्रामीणों की समस्याओं को मौके पर ही समाधान किया जा रहा है.