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world environment day! 25000 पेड़ लगाकर प्रकृति को सहेज रहा एमपी का शख्स

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Published : Jun 5, 2021, 7:17 PM IST

पर्यावरण संरक्षण के लिए आज के दिन कई संगठन कार्यक्रम आयोजित करते हैं कई लोग वृक्षारोपण करते हैं, लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो प्रकृति के संरक्षण को काम न समझ कर इससे लगाव रखते हैं. इसे सहेजते है और आगे आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुनहरा वातावरण तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं.

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पर्यावरण संरक्षण

धार। आज world environment day यानि विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. यह हर साल भारत समेत दुनियाभर में 5 जून को मनाया जाता है. धरती को वरदान स्वरुप मिले अनमोल प्राकृतिक संसाधन (पेड़-पौधे, नदियां-पहाड़) को कैसे संरक्षित करें इसके लिए आज विश्वभर के कई संगठन काम कर रहे हैं और प्रकृति को फिर से मानवजाति के लिए अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

पर्यावरण संरक्षण
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश में हुए कई आंदोलन

पर्यावरण संरक्षण के लिए आज के दिन कई संगठन कार्यक्रम आयोजित करते हैं कई लोग वृक्षारोपण करते हैं, लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो प्रकृति के संरक्षण को काम न समझ कर इससे लगाव रखते हैं. इसे सहेजते है और आगे आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुनहरा वातावरण तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, पेड़-पौधें, नदियां-पहाड़ बचाने के लिए भारत समेत मध्य प्रदेश में भी कई आंदोलन हुए हैं, लेकिन बावजूद यहां प्रकृति को दोहन कम नहीं हुआ है. इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है यह भी कोरोना के दौर में लोगों ने अहसास किया है.

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  • प्रकृति को बचाने के लिए हर कदम है अहम

प्रकृति को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन हो या कोई अन्य प्रयास हर कोई कदम अहम हैं. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग अपने घरों में छोटी-छोटी बागवानी बनाकर प्रकृति को सहेज रहे हैं. साथ ही देशभर के पर्यावरणविदों के अलावा एमपी में एक ऐसे शख्स हैं, जो अब तक 25000 से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं.

  • बृजेश चंद्र की मुहिम

मध्य प्रदेश को धार जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग बृजेश चंद्र पांडे ने अपने घर पर ही विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए हुए हैं. बृजेश के पिता भी प्रकृति प्रेमी थे और उन्हें अपने पिता से ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रेणा मिली है. बृजेश कहते है कि लोग केवल पर्यावरण दिवस पर ही प्रकृति का ध्यान न रखें. वह इसे अपने जीवन का एक हिस्सा बना ले जिससे जीवन बहुत सकारात्मक हो जाएगा. सहायक आयुक्त बृजेशचंद्र पांडे ने आगे कहा कि वह अपने दो बच्चों के साथ गार्डन का रखरखाव करते हैं. उनके द्वारा अब तक 25000 से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह मार्च में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गए थे. लेकिन अस्पताल जाने के बजाय उन्होंने घर पर ही अपना इलाज करवाया. जिसके बाद वह प्राकृतिक माहौल में ठीक हो गए और उनका ऑक्सीजन लेवल केवल इन पेड़-पौधों के कारण 98 प्रतिशत रहा था.

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