धार। सरदारपुर विकासखंड अंतर्गत रिंगनोद गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जहां ग्रमाणों ने लगभग 35 साल से रिंगनोद के यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद उर्फ उस्ताद को उनके निधन के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि दी.
ग्रामीणों ने पेश की मानवता की मिसाल, लावारिश को धूमधाम से दी अंतिम विदाई
धार जिले के सरदारपुर विकासखंड अंतर्गत रिंगनोद गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है, ग्रमाणों ने 35 साल से गांव में रह रहे एक लावारिश व्यक्ति की अंतिम यात्रा ढ़ोल नगाड़ों के साथ निकाली और उसे श्रद्धांजलि दी.
विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद लगभग 35 साल से रिंगनोद यात्री प्रतिक्षालय में रह रहे थे. वे बहुत ही मिलनसार शख्स थे. उनकी मौत के बाद गांव के लोगों में शोक है. लोगों ने चंदा इकट्ठा कर उनकी शव यात्रा गांव के सभी सड़कों से निकाली और विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया.
विद्या प्रसाद जब से गांव में आए थे, तभी से लोगों का मन मोहने लगे थे. 35 साल पहले वो आटा चक्की में पिसाई का काम करने लगे थे फिर ड्राइवरी और फिर होटलों में समोसे बनाने का काम करने लगे. इसलिए उन्हें हर कोई अच्छे से जानता था, इसीलिए सभी धर्म समाज के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर के उनको अंतिम विदाई दी.