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एक शिक्षक का नया प्रयोग, संवार रहा छात्रों का भविष्य

धार जिले का एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां पर एक शिक्षक ने नवाचार लाकर स्कूली बच्चों को ग्रुप स्टडी करवाते हैं. जिसके चलते बच्चों के शैक्षणिक स्तर में बड़ा बदलाव आता है. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में अपने इस नवाचार के लिए राष्ट्रपति से भी वो सम्मानित हो चुके है.

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Published : Dec 23, 2019, 11:12 PM IST

New teacher experiment in Dhar
धार में शिक्षक का नया प्रयोग

धार। आपने मध्यप्रदेश में स्कूलों की बदहाली को लेकर कई खबरे सुनी और देखी होगी. पर धार जिले के नालछा ब्लाक में एक ऐसा शासकीय प्राथमिक विद्यालय है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार लाने के लिए चर्चित हैं. इस स्कूल के एक शिक्षक के बच्चों को पढ़ाने की लगन के चलते बच्चों के शिक्षा के स्तर में काफी बदलाव आया है. दरअसल हम बात कर रहे हैं शिक्षक सुभाष यादव की, जो कागदीपुरा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को शिक्षा देते हैं. स्कूली बच्चों को शिक्षा देने के लिए शिक्षक सुभाष यादव ने ग्रुप स्टडी का नया तरीका अपनाया है.

धार में शिक्षक का नया प्रयोग

शिक्षक शुभाष यादव का मानना है कि ऐसा करने से जो बातें मेरे द्वारा बच्चों को समझाई जाती है वो बातें ग्रुप स्टडी के माध्यम से उस ग्रुप का लीडर भी अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों को आसान भाषा या स्थानीय भाषा में समझाता है, जिससे बच्चों को पढ़ाई करने में काफी मदद मिलती है. इसी ग्रुप स्टडी के माध्यम से बच्चों के शिक्षा के स्तर में भी काफी बड़ा बदलाव आया है, ग्रुप स्टडी के इस सफल प्रयोग के बच्चों का रिजल्ट भी काफी बेहतर रहता है.

बहु कक्षा शिक्षण पर दिया शिक्षक ने जोर
शिक्षक सुभाष यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बड़ी कमी है, सरकारी स्कूलों में कक्षाएं और स्कूली बच्चों की संख्या ज्यादा होती है और शिक्षक कम होते हैं. शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए मैंने बहु कक्षा शिक्षण पर जोर दिया.

ग्रुप लीडर बनते हैं शिक्षक
शिक्षक सुभाष यादव ने बताया कि जब से स्कूल में बच्चों को ग्रुप स्टडी कराई जा रही है तब से स्कूली बच्चों के शिक्षण के स्तर में बड़ा बदलाव आया है, ग्रुप स्टडी में जो शिक्षा मेरे द्वारा बच्चों को दी जाती है, वहीं शिक्षा ग्रुप लीडर के माध्यम से अपने ग्रुप के अन्य सदस्यों को उनकी ही आसान भाषा में भी समझाई जाती है.

गुणवत्ता शिक्षा मेरा फोक्स है : शिक्षक
प्राथमिक स्कूल के बच्चे काफी छोटे होते हैं यदि उनको खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाती है, तो बच्चे आसानी से पढ़ लिख जाते हैं. इस बात को व्यवहार में लाकर शिक्षक सुभाष यादव ने शासकीय प्राथमिक स्कूल के बच्चों के शैक्षणिक स्तर में बड़ा बदलाव किया सुभाष यादव का मानना है कि कोई भी बच्चा दिमाग से कमजोर नहीं होता है. वहीं छात्रों का कहना है कि उन्हें शिक्षक जो समझाते हैं उसे ग्रुप लीडर स्थानीय भाषा में समझाते हैं. वहीं एक छात्रा तो सुभाष यादव जैसा शिक्षक बनना चाहती है.

हो रहा सकारात्मक बदलाव
वहीं बृजेश पांडे जिला अधिकारी का कहना है कि सुभाष यादव के इस नवाचार के चलते काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं.

राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान
शासकीय प्राथमिक विद्यालय कागदीपुरा के शिक्षक सुभाष यादव शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए देश-प्रदेश में चर्चित है और शिक्षा में नवाचार के लिए शिक्षक सुभाष यादव राष्ट्रपति से भी सम्मानित हो चुके हैं.

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