धार।राजा-रानी की प्रेम कहानी, मुगल शासक की जिद, कई राजनीतिक रहस्यों और मोहब्बत के पैमानों से मिलकर बना है महलों का गढ़ मांडू. पहाड़ों की कोख में बसा यह शहर अपनी कुदरती खूबसूरती और बेहतरीन वास्तुकला के लिए मशहूर है. मांडू में चारों ओर फैली हरियाली लोगों की आंखों और उनकी आत्मा को ठंडक पहुंचाकर उनका इस्तकबाल करती है, तो चेहरे को चूमकर गुजरती मतवाली हवा रुह को छू जाती है. मांडू के महल हमारे मन में सम्पन्न हिन्दुस्तान की झलक पैदा कर देते हैं. हम इतिहास के उस समय की कल्पना करने लगते हैं जब इन महलों को खड़ा किया गया होगा.
मांडू के जिन महलों में कभी रानियों की पायलों की झंकार खनकती थी, कभी शाही दावतें होती थीं, तो कभी युद्ध की रणनीति बनाई जाती थी, वही महल आज वीरान हैं लेकिन खामोश नहीं. इन महलों में आज भी कई आवाजें गूंजती हैं, उन लोगों की जो किसी तलाश में यहां आते हैं, किसी को रोमांच की, किसी को अपने वजूद की तो किसी को इन महलों के पीछे की कहानियों की तलाश यहां खींच लाती है.
इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो यहां बने हर महल के पीछे कई राज दफन मिलेगें. मांडू के महल सुल्तान बाज बहादुर और रानी रुपमती के उस अमर प्रेम के किस्से सुनाते हैं, जिनकी कसमें आज भी खाई जाती हैं. कहा जाता है कि रुपमती नर्मदा नदी के दर्शन किए बिना खाना नहीं खाती थी इसीलिए बाज ने नर्मदा के किनारे रानी रुपमती महल का निर्माण कराया. इस महल पर चलने वाली हवाएं हमें रुमानियत के एहसास से भर देती हैं. कपूर और मूंज तालाब पर बने जहाज महल को शाही हरम के रुप में बनाया गया था, जहाज की आकृति वाले इस महल को देखकर लगता है मानो एक जहाज सच में पानी में चल रहा हो. महल में बनी बड़ी-बड़ी खिड़कियों से आते ठ्ंडी हवा के झोंके एक खुशनुमा एहसास देते हैं. वहीं झूले की आकृति वाला हिंडोला महल, जामी मस्जिद और चम्पा बावड़ी जैसी इमारतें मांडू की मशहूर वास्तुकला के बेहतरीन उदहारण हैं.
मांडू में आज भी बाज और रुपमती के प्रेम की झलक दिखाई देती है. मांडू के कोने-कोने में उनके प्यार का एहसास अब तक जिंदा है. एक शहर जिसके पीछे कई राज दफन हैं, कई प्रेम कहानियां, राजाओं की वीरता के किस्से, और लोगों को उनके अतीत से रू-ब-रु कराकर उनके वजूद का एहसास कराती मांडू के किले की खूबसूरती.