बदनावर विधानसभा सीट पर रहा राजपूतों का दबदबा, चौदह चुनावों में से सात जीते
धार जिले की बदनावर विधानसभा पर राजपूत समाज के उम्मीदवारों का दबदबा रहा है. अब 14 विधानसभा चुनावों 7 बार इस सीट से राजपूत उम्मीदवार विजयी रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी ने दोनों दलों ने राजपूत समाज के उम्मीदवार पर ही दांव लगाया है.
बदनावर में राजपूतों का दबदबा
By
Published : Oct 18, 2020, 9:45 PM IST
|
Updated : Oct 18, 2020, 10:46 PM IST
धार।बदनावर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है. ये विधानसभा सीट सामान्य विधानसभा सीट है. जिसके चलते बदनावर विधानसभा सीट पर बीजेपी की ओर से राजपूत रॉयल फैमिली से संबंध रखने वाले राजवर्धन सिंह दत्तीगांव चुनावी मैदान में हैं तो, वहीं कांग्रेस ने बदनावर में गुजराती राजपूत समाज के कमल सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. ये पहला मौका है जब किसी राजनीतिक पार्टी ने बदनावर से गुजराती राजपूत समाज के किसी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बदनावर में राजपूतों का दबदबा
बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर
1957 से लेकर 2018 तक धार जिले कि बदनावर विधानसभा सीट पर 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 7 बार कांग्रेस और 7 बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. इन 14 विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा 7 बार राजपूत समाज से आने वाले विधायक बदनावर से चुने गए हैं, इसलिए कहा जाता है कि धार जिले कि बदनावर विधानसभा सीट पर राजपूतों का दबदबा रहा है.
राजपूत समाज का दबदबा
सन
विधायक
पार्टी
1985
रमेशचंद्र सिंह राठौर
बीजेपी
1990
प्रेमसिंह दत्तीगांव
कांग्रेस
1993
रमेशचंद्र सिंह राठौर
बीजेपी
2003
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
कांग्रेस
2008
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
कांग्रेस
2013
भंवरसिंह शेखावत
भाजपा
2018
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
कांग्रेस
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञ छोटू शास्त्री ने बताया कि बदनावर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने कमल सिंह पटेल को टिकट देकर इस चुनाव को एक तरफा होने से बचा लिया. विधानसभा क्षेत्र में गुजराती राजपूत और पाटीदारों के वोटर्स निर्णायक स्थिति में है. इन दोनों समाज के बीच तालमेल भी अच्छा है. जिसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल को मिलेगा.
राजवर्धन दत्तीगांव को कड़ी चुनौती
कांग्रेस छोड़ बीजेपी मे आए राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की राह आसान नहीं है. उनके सामने कांग्रेस ने गुजराती राजपूत समाज से आने वाले कमल सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिससे ये माना जा रहा है कि दत्तीगांव को राजपूत समाज के वोटरों में अपनी पैठ बनाने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ेगी. क्योंकि कमल सिंह पटेल की गुजराती राजपूत समाज के वोटर्स में खासी पकड़ है. जिससे भाजपा को झटका लग सकता है.
जातिगत समीकरण
बदनावर विधानसभा में 2 लाख 3 हजार 524 मतदाता हैं. जिनमें करीब 35 हजार राजपूत, 30 हजार के आस-पास गुजराती राजपूत समाज के वोटर्स हैं. वहीं 5 हजार के करीब राजपूत रॉयल फैमिली के मतदाता हैं. कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल गुजराती राजपूत समाज से आते हैं. इसके अलावा पाटीदार समाज के वोट बैंक की संख्या ज्यादा है. जातिगत समीकरण के चलते बदनावर उपचुनाव बड़ा दिलचस्प हो गया है. हालांकि जीत किसी की भी हो, इस सीट पर राजपूत समाज का दबदबा बरकरार रहने वाला है.