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300 बेड का कोविड सेंटर बनकर तैयार, मोहनखेड़ा तीर्थ में बना कोविड सेंटर

धार के प्रसिद्ध जैन मोहनखेड़ा महातीर्थ में जिले के सबसे बड़े गुरूकृपा आरोग्यं कोविड केयर सेंटर की शुरुआत हो गई है. आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वर की प्रेरणा और कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के मार्गदर्शन में 300 बिस्तर वाले कोविड सेंटर की शुरुआत की गई. महज तीन दिन में बने इस अस्पताल में मरीजों को सारी सुविधाएं मिलेंगी.

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Published : Apr 25, 2021, 10:54 AM IST

new covid center opens in mohankheda temple in dhar
मोहनखेड़ा तीर्थ में तीन दिन में 300 बेड वाला कोविड सेंटर तैयार

धार। मोहनखेड़ा महातीर्थ में धार जिले के सबसे बड़े गुरूकृपा आरोग्यं कोविड केयर सेंटर की शुरुआत हो गई है. आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वर की प्रेरणा और कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के मार्गदर्शन में 300 बिस्तर वाले कोविड सेंटर की शुरुआत की गई. अस्पताल खुलते ही कई मरीजों को भर्ती कर उपचार भी शुरू किया गया है. यहां पर तमाम व्यवस्थाओं को आदिनाथ राजेंद्र जैन श्वेतांबर पेढ़ी ट्रस्ट के माध्यम से संभाला जा रहा है. कोविड सेंटर की शुरुआत पर आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वर और मंत्री दत्तीगांव ने गुरुदेव राजेंद्र सूरीश्वरजी का पूजन-अर्चन किया. इस अवसर पर तमाम नेता और अधिकारी भी मौजूद रहे.

मोहनखेड़ा तीर्थ में तीन दिन में 300 बेड वाला कोविड सेंटर तैयार

महिला-पुरुष के लिए अलग सेक्शन

300 बेड वाले नए कोविड सेंटर की शुरुआत पर मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि आचार्य और सरकार के प्रयासों से कोविड सेंटर तीन दिन में तैयार किया गया है. जिसमें मरीजों की देखरेख के लिए तमाम व्यवस्थाएं हैं. अस्पताल में मरीजों को आक्सीजन की भी कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. मंत्री ने आगे कहा कि, मरीजों का इलाज डाक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है. सेंटर पर महिला, पुरुष तथा बच्चों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. सभी को अलग-अलग सेक्शन में रखकर ही उपचार दिया जाएगा.

सेंटर में कर्मचारी भी तैनात

मोहनखेड़ा महातीर्थ पर कोविड सेंटर में चिकित्सकीय व्यवस्था के तहत 60 से अधिक कर्मचारियों को शामिल किया गया है, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो. तीर्थ ट्रस्ट की ओर से मरीज और उनके परिजन के लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई हैं. स्टॉफ के लिए हॉल में अलग से काउंटर बनाया गया है. सबसे मुख्य बात यह है कि इस क्षेत्र का सकारात्मक वातावरण स्वच्छता और धार्मिक स्थल होने के कारण मरीजों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होगी. यह संक्रमितों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगी.

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