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पर्यटन से पहले पुनर्वास पर काम करके दिखाए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण: मेधा पाटकर

नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर ने डूब प्रभावितों की हक में आवाज उठाते हुए कहा है कि पर्यटन से पहले नर्मदा घाटी पुर्नवास पर काम करके दिखाएं.

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मेधा पाटकर

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Published : Jan 7, 2020, 5:44 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 7:30 AM IST

धार। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. मेधा पाटकर ने कहा है कि पर्यटन से पहले पुनर्वास पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अपना काम करके दिखाए.

दरअसल सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के धार,बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर के 191 गांव और एक कस्बा धरमपुरी डूब प्रभावित है. मध्यप्रदेश की वर्तमान कमलनाथ सरकार और पूर्व शिवराज सिंह सरकार सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों का आदर्श पुनर्वास नीति के तहत विस्थापन का दावा करती है.

मेधा पाटकर ने की मांग

वर्तमान की मौजूदा स्थिति में भी सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ नहीं मिला है. आज भी आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले मुआवजे, भूखंड और दूसरी सुविधाओं के लिए डूब प्रभावित सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं कमलनाथ सरकार में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मंत्री व सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित धार जिले की कुक्षी विधानसभा के विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल बने तो, सभी को उम्मीद जागी कि उनकी सुनवाई जल्द होगी. शासन से मिलने वाली सुविधाएं उन्हें जल्द मिलने लगेगी.

नेत्री मेधा पाटकर ने सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार और मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल का नाम लिए बिना बिना बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर कई बार कमलनाथ सरकार और उनके मंत्रियों से चर्चा हुई. बातें नीति में लाने के आश्वासन मिले पर उसे अमल में नहीं लाया गया. आज भी डूब प्रभावित क्षेत्र के लोग परेशान हैं, इसलिए वे पर्यटन से पहले पुनर्वास पर काम करके दिखाएं.

Last Updated : Jan 7, 2020, 7:30 AM IST

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