धार। सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने से नर्मदा का बैक वाटर लेवल 138 मीटर पार कर चुका है. जिसके चलते प्रदेश के धार, बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर जिले के 192 गांव और एक कस्बा धरमपुरी जलमग्न होने की कगार पर पहुंच गया है. इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आज भी आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभों का इंतजार है. इसी मांग को लेकर डूब प्रभावित क्षेत्र के लोग लगातार पिछले 35 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. इसी कड़ी में डूब प्रभावित क्षेत्र निसरपुर के 680 परिवार के लोगों ने अब आदर्श पुनर्वास नीति की मांग को लेकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है.
सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह शुरू, पुनर्वास की कर रहे मांग - सरदार सरोवर बांध के गेट बंद
सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावितों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि, पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिलने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
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डूब प्रभावितों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारतकी टीम निसरपुर पहुंची और उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने बताया कि, उनके घर, खेत-खलियान सब कुछ डूब चुका है. शासन की ओर से जो आदर्श पुनर्वास नीति के तहत उन्हें लाभ मिलना था, उसका आज भी उन्हें इंतजार है. अभी तक डूब प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिला है, ना ही उन्हें भूखंड आवंटित हुए हैं. इसके साथ ही शासन की ओर से मिलने वाला अनुदान भी उन्हें अभी तक नहीं मिला है.
डूब प्रभावितों का कहना है कि, आखिर उन्हें आदर्श पुनर्वास नीति के तहत कब लाभ मिलेगा. इसी को लेकर जल सत्याग्रह कर रहे हैं. डूब प्रभावितों ने बताया कि, उनका ये जल सत्याग्रह क्रमिक अनशन के रुप में जारी रहेगा. रोजाना डूब प्रभावित क्षेत्र के लोग अलग-अलग तरह का विरोध प्रदर्शन करके अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे.