धार। जिले के किसान अब आत्मनिर्भर किसान के रूप में जाने पहचाने जाएंगे, क्योंकि अब वो फसलों के साथ-साथ बीज भी तैयार कर रहे हैं, जिससे किसानों को दोहरी आमदनी होगी. पहली आमदनी तो वो अपनी उपज को बेचकर कमाएंगे, उसके साथ ही बीज तैयार करके भी अलग से आमदनी करेंगे. दरसल धार जिले के छोटे से ग्राम बिलौदा के किसान शंकरलाल यादव और धर्मेंद्र यादव की बारिश में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई थी, फसल बर्बाद होने से जो आर्थिक नुकसान हुआ, उससे उभरने के लिए किसान शंकरलाल यादव और धर्मेंद्र यादव ने नए बीज तैयार करने की योजना बनाई. किसान शंकरलाल यादव ने अपने डेढ़ बीघे खेत में सोयाबीन की पी.एस-1569 किस्म का बीज तैयार किया, तो वहीं किसान धर्मेंद्र ने अपने 2 बीघे के खेत में जी.एस 2098 उन्नत किस्म के सोयाबीन का बीज तैयार किया.
धार के किसान बन रहे आत्मनिर्भर
सोयाबीन का बीज तैयार होने के बाद अब ग्राम बिलौदा के किसान उन्हें बाजार में बेचकर और इस बीज की मदद से अपने खेतों में सोयाबीन की फसल उगाकर दोहरी आमदनी करेंगे. किसानों के इस प्रयोग को लेकर धार कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. केएस किराड़ ने तारीफ की है, उनका मानना है कि, जो काम कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि अनुसंधान केंद्र का होता है, वो काम ग्राम बिलौदा के किसानों द्वारा किया गया है, जो कि एक सराहनीय कदम है. इससे किसानों को बीज बेच कर आमदनी तो होगी ही, इसके साथ ही अन्य किसानों को सोयाबीन की फसल के लिए उन्नत किस्म का बीज मिलेगा. वहीं सोयाबीन की फसलों के बीज पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ेंगे. जिससे किसानों को फायदा होगा और किसान इस तरह के प्रयोग करके आत्मनिर्भर किसान बनेंगे.
धार के किसानों ने तैयार किया सोयाबीन का बीज
सोयाबीन का बीज किया तैयार
पिछले वर्ष अधिक बारिश होने की वजह से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी, अधिक बारिश होने के चलते धार के ग्राम बिलौदा के किसान शंकरलाल यादव और धर्मेंद्र यादव की सोयाबीन कि फसल भी बारिश में बर्बाद हो गई थी. फसल बारिश में बर्बाद होने से किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. किसानों का मानना है कि, जून माह के पहले सप्ताह में अपने खेतों में सोयाबीन की बोवनी करने के बाद, जो बीज बचेगा उसे बाजार में बेच कर अलग से आमदनी करेंगे.
किसानों का सराहनीय कदम
धार कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ केएस किराड़ ने ग्राम बिलौदा के किसान शंकरलाल यादव और धर्मेंद्र यादव के खेतों का निरीक्षण किया और सोयाबीन के फसल के लिए तैयार किए गए बीजों को देखा, सोयाबीन कि फसलों के लिए तैयार किए बीजों को देखकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ किराड़ काफी खुश नजर आए और उन्होंने किसानों के इस कदम की जमकर सराहना की और कहा कि, यदि हर किसान इस तरीके से अपने खेतों में ही बीज तैयार करने की योजना पर काम करेगा, तो किसान भाइयों को दोहरा फायदा होगा.