धार।मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाके धार में बालिकाओं के जन्म दर में बहुत (girls ratio upgraded in dhar) सुधार हुआ है. जिसका नतीजा यह हुआ कि हर दूसरे आंगन में बेटी की किलकारी गूंज रही है. जिले में पिछले 5 साल में 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई. यानि एक हजार बालकों पर 1056 बालिकाएं जन्म ले रही हैं. जबकि प्रति हजार पुरुष पर 3 प्रतिशत महिलाएं बढी हैं. जिले में ग्रामीण आबादी ज्यादा है. इसके बाद भी लिंगानुपात में सुधार होना, अच्छा संकेत दे रहा है. जबकि पहले के आंकड़े निराश करने वाले थे. पहले के दौर में बेटों की चाह के चलते बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था.
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का कमाल, आदिवासी बहुल जिले में बढ़ रही हैं बेटियां
धार में बालिकाओं के जन्म दर में काफी सुधार हुआ है. जिले में (girls ratio improved in dhar) पिछले 5 साल में 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई. जो एक अच्छा संकेत है. जबकि प्रति हजार पुरुष पर 3 प्रतिशत महिलाएं बढी हैं.
समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं बालिकाएं
महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि जिले में अब प्रति हजार बालक पर 1056 बालिकाएं हैं. इसका प्रमुख कारण शासन के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं हैं. जो बालिकाओं के हित में संचालित की जा रही हैं. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' भी एक महत्वपूर्ण योगदान वाली योजना रही है. वक्त के साथ ग्रामीणों की सोच में भी बदलाव आया है. बालिकाएं समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं, बालिकाएं शिक्षित नहीं हैं तो समाज का विकास नहीं हो सकता है.
(girls ratio upgraded in dhar) (1056 girls per 1 thousand boys)