धार। वॉटर स्पोर्ट्स के नाम पर जिले में कोई भी एकेडमी या संस्था नहीं है, बावजूद इसके धार के छोटे से गांव इब्राहिमपुरा की बेटी ने जिले का नाम वॉटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में रोशन किया है. जिले के इब्राबिमपुरा की रहने वाली चंपा मौर्य ने वॉटर स्पोर्ट्स के कयाकिंग कैनोइंग गेम में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए, इसके साथ ही अपने गांव, अपने प्रदेश और देश का नाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया.
धार के सरकारी कॉलेज से बीए पास कर चंपा मौर्य ने कयाकिंग कैनोइंग गेम में 2017 में थाईलैंड में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया था. वहीं 2018 में जकार्ता में एशियन चैंपियनशिप में सातवीं रैंक हासिल की, इसके साथ ही 2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन गेम्स में चंपा ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
चंपा मौर्य 2008 से अभी तक 70 से अधिक मेडल कयाकिंग कैनोइंग गेम में हासिल कर चुकी हैं. आने वाले समय में चंपा मौर्य ओलंपिक गेम्स में कयाकिंग कैनोइंग वाटर स्पोर्ट्स गेम में भारत का प्रतिनिधित्व कर गोल्ड मेडल जीतना चाहती हैं और भारत का नाम रोशन करना चाहती हैं. इसके लिए वो कड़ी मेहनत कर रही हैं.
जिले में नहीं है कोई भी वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी
कयाकिंग कैनोइंग खिलाड़ी चंपा मौर्य बताती हैं कि जिले में कोई भी वाटर स्पोर्ट्स की एकेडमी नहीं है, वहीं किसी भी तरह कि कोई एक्टिविटी भी वाटर स्पोर्ट्स गेम को लेकर आयोजित नहीं की जाती है. जिसके चलते वाटर स्पोर्ट्स गेम में रुचि रखने वाले जिले के खिलाड़ी उभरकर सामने नहीं आ रहे हैं, 2008 में जब डीएसवायडब्ल्यू भोपाल से आई स्पोर्ट्स टीम ने उनकी फिटनेस के आधार पर वाटर स्पोर्ट्स गेम के लिए उनका चयन किया तब उन्हें मालूम पड़ा कि वाटर स्पोर्ट्स में कयाकिंग कैनोइंग गेम भी होता है, फिर उसके बाद भोपाल में उनकी ट्रेनिंग चली. ट्रेनिंग पूर्ण होने के बाद उन्होंने कयाकिंग कैनोइंग गेम की कई चैंपियनशिप में भाग लिया और उनमें बेहतर प्रदर्शन कर 70 से अधिक गोल्ड, सिल्वर मेडल अपने नाम किए.