धार।प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक जारी है, बीजेपी कांग्रेस दोनों ही अपने विधावकों को भूट से बचाने में लगे हैं, वहीं कांग्रेस पर फूट के कारण पढ़े-लिखे विधायक को मंत्री पद से दूर रखने का आरोप भी लगने लगा है. धार के मनावर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक सोनी ने आरोप लगाया की कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के कारण ही विधायक इस्ताफा दे रहे हैं.
'काबिल विधायक मंत्रिमंडल से रखे गए दूर' अशोक सोनी बदनावर विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के करीबी बताए जाते हैं, इसीलिए उन्होंने दत्तीगांव का पक्ष रखते हुए कहा की कांग्रेस में रह कर दत्तीगांव जनता का काम नहीं कर पा रहे थे, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा की मंत्रिमंडल गठन के समय केंद्रीय नेताओं ने राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का नाम मंत्री पद के लिए सुझाया था, लेकिन प्रदेश के नेताओं ने उन्हें दरकिनार कर दिया.
पहले भी दिया था इस्तीफा
अशोक सोनी ने बताया की राजवर्धन सिंह दत्तीगांव लोकप्रिय विधायक हैं, वो जनता से सीधे जुड़े हुए हैं. जीत के बाद विजय जुलूस भी नहीं निकाला और उन्होंने अपना इस्तीफा ज्योतिरादित्य सिंधिया को और पार्टी को दे दिया था, लेकिन पार्टी ने उस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया था.
राजनैतिक जानकार छोटे शास्त्री राजनैतिक जानकार भी मानते हैं हुआ पक्षपात
बदनावर विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के कांग्रेस पर पक्षपात के आरोप का समर्थन राजनैतिक जानकार भी कर रहे हैं. बदनावर के राजनैतिक जानकार छोटे शास्त्री कहते हैं कि पक्षपातपूर्ण तरीके से मंत्रिमंडल का गठन किया गया था. दत्तीगांव सीनियर विधायक हैं और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए थी, परंतु उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया बल्कि धार से ही दिग्विजय सिंह के करीबी और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह बघेल के पुत्र सुरेंद्र सिंह हनी बघेल को मंत्री बनाया गया.