धार। भारत को संस्कृतिक और त्योहारों का देश कहा जाता है. यह धर्म, भाषा, संस्कृति और जाति में विविधताओं से भरा धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां के मेले और त्योहारों के उत्सव लोगों से भरे रहते हैं. विदेशी लोग भी भारत के उत्सवों को बहुत उत्साह और जुनून के साथ सेलीब्रेट करते हैं. हर प्रदेश की अलग-अलग संस्कृति हैं. उन्हीं में से एक है भगोरिया. इस समय मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भगोरिया की धूम है. दरअसल मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में होली से पहले पर्व की तैयारियों के दौरान लगने वाले हाट बाजार को भगोरिया उत्सव कहा जाता है. धार में भगोरिया मेला लगा हुआ है, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. भागोरिया में 30 से अधिक ढोल-मांदल नृत्य दलों ने शिरकत की. देशी-विदेशी पर्यटकों ने आदिवासी संस्कृति के इस पर्व को कैमरे में कैद कर लिया.
इन मंचों से किया मांदल का स्वागत:भगोरिया में धार के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मांदल बचाई, वहीं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह भी खुद को रोक नहीं सके और लकड़ी से थाली बजाई. इस दौरान नगर परिषद के मंच, कांग्रेस और जयश संगठन के मंच से नृत्य दलों का सम्मान किया गया. आदिवासी समाज के तमाम लोगों में भगोरिया को लेकर अलग ही खुशी और उत्साह देखा जा सकता था. सभी ढोल-मांदल की धुन पर डांस कर रहे थे. इस मौके पर विदेशी भी कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने भी जमकर मांदल बजाई.