देवास। लॉकडाउन के चलते सब कुछ थम सा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के निर्देश दिए थे. इतना ही नहीं अगर प्राइवेट अस्पताल नहीं खुलते, तो डॉक्टरों पर कार्रवाई करने और उनका लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश भी सरकार ने जारी किए हैं. इसके बावजूद एक महिला को इलाज नहीं मिल सका.
कोरोना संक्रमित महिला की इलाज के अभाव में मौत, पीछे छोड़ गई 10 दिन का मासूम
देवास में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. मंगलवार को एक महिला को इलाज नहीं मिलने से उसने दम तोड़ दिया. कांग्रेस ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग भी की है.
रसूलपुर की महिला पिछले तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती थी. महिला के पति इरफान ने पेट दर्ज की शिकायत भी डॉक्टरों से की थी, लेकिन जिला अस्पताल में उसका उपचार नहीं किया गया. लिहाजा जब परिजन निजी अस्पताल ले गए, तो वहां भी मना कर दिया गया. इसी बीच इंदौर ले जाते वक्त महिला ने दम तोड़ दिया. महिला ने दस दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया था.
अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में प्रारंभिक बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे आए दिन मौतें हो रही हैं. आज इतनी बड़ी घटना घटना सामने आने के बाद, सरकार के प्रतिनिधि कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, जिला अस्पताल में हुई इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो. इसके अलावा पीड़िता परिवार को सरकार मुआवजा भी दे.