देवास। पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया, लेकिन जब पढ़ेंगा-लिखेह ही नहीं, तो आगे कैसे बढ़ेगा इंडिया... जी हां, अच्छी पढ़ाई के बिना बच्चों का सुनहरा भविष्य नहीं बन सकता और जब तक देश के बच्चों का भविष्य उज्जवल नहीं होगा तो देश के उज्जवल भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती..लेकिन देवास जिले के आदिवासी क्षेत्र पुंजापुरा के आधा दर्जन से ज्यादा शासकीय माध्यमिक स्कूलो में शिक्षकों की कमी के चलते मासूम घंटों स्कूल के बाहर बैठकर बिना पढ़े ही वापस घर लौट जाते हैं. जिससे इन नौनिहालों का भविष्य अंधकार में है.
स्कूल में शिक्षक नहीं, कैसे हो पढ़ाई
जिला मुख्यालय से 120 किमी. की दूरी पर आदिवासी क्षेत्र पुंजापुरा के आधा दर्जन से अधिक शासकीय माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और करीब आधा दर्जन से अधिक शासकीय स्कूलो में कहीं 150, कहीं 120, कहीं 100 छात्र-छत्राओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल एक-एक शिक्षक के कंधों पर है. लेकिन जिला शिक्षा विभाग के उदासीनता के चलते बच्चे तो परेशान है ही साथ ही उनके अभिभावक भी परेशान है.