देवास। वन परिक्षेत्र में कन्नौद और कुसमानिया प्राथमिक वनोपज समितियां तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कराती हैं, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है और न ही संग्राहक मास्क पहनकर काम कर रहे हैं. साथ ही तेंदूपत्ता की 100 गड्डियों पर 5 गड्डियां लेकर शोषण करने की बात भी सामने आई है.
तेंदूपत्ता संग्रहण में श्रमिकों का शोषण, 100 गड्डियों पर 5 ली जा रही मुफ्त
कन्नौद वन परिक्षेत्र में प्राथमिक वनोपज समितियां तेंदूपत्ता की 100 गड्डियों पर 5 गड्डियां अधिक लेकर गरीब मजदूरों का शोषण कर रही हैं, साथ ही बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते मजदूर काम करते दिखाई पड़ रहे हैं.
जानकारी के अनुसार कन्नौद वन परिक्षेत्र की कन्नौद और कुसमानिया प्राथमिक वनोपज समिति के 30 संग्रहण केंद्रों पर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 20 मई से किया जा रहा है, मजदूरों ने बताया कि 100 गड्डियों पर 5 गड्डियां ज्यादा ली जा रही हैं. संग्राहकों को शासन स्तर से 100 गड्डियों पर 250 रुपये भुगतान किया जाना है, लेकिन वन विभाग की मिलीभगत से गरीब श्रमिकों का शोषण कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्येक संग्राहक से 100 गड्डियों पर 5 गड्डियां अधिक ली जा रही हैं, जिसका कुछ भी लेनादेना नहीं है. इस प्रकार 100 गड्डियों पर 12 रुपये 50 पैसे की गड्डियां खुलेआम ली जा रही हैं.
इस संबंध में एसडीओ कैलाश वर्मा ने बताया कि संग्राहकों से अतिरिक्त गड्डियां लेने का कोई नियम नहीं है. साथ ही संग्रहण केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनकर आना जरूरी है और अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी और सैनिटाइजर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी कराई जाएंगी.