देवास। कोरोना काल में छोटे व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इस बीच मजदूरों के लिए अच्छी खबर भी आई है. सरकार के प्रतिवर्ष चलाए जाने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण में अब मजदूरों को मजदूरी मिल रही है, इससे उनके चेहरे पर खुशी वापस लौट आई है.
बागली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत 10 समितियों की 135 फड़ समितियां हैं. एक फड़ में 2-3 गांवों के लोग तेंदूपत्ता का संग्रह करते हैं. इस आधार पर 300 से 400 गांवों के लोगों को रोजगार मिला है. बागली क्षेत्र वन में पीला सोना के नाम से प्रसिद्ध सागवान के जंगल हैं, इसलिए अक्सर यहां पर लकड़ी माफियाओं की नजर रहती है. वहीं अतिक्रमण के नाम पर भी यहां अवैध कटाई होती रहती है. इसका मामला वन परिक्षेत्र बागली रेंज के अंतर्गत आने वाले कोल्लुघटा बिट में देखने को मिला, जहां जंगल में अतिक्रमण करने के लिए 17 सागवान और दो साजल के पेड़ को कटा गया.