देवास।मालवा की मिट्टी के सपूत राजकुमार चंदन तमाम विधाओं में हुनर के लिए दुनिया भर में पहचाने जाते हैं. पेशे से शिक्षक राजकुमार चंदन अपने नाम अब तक पांच विश्व रिकॉर्ड कर चुके हैं. साथ ही कला शिक्षक के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं.
कला, साहित्य, चित्रकारिता और शिक्षक एक साथ किसी में समावेश हो तो निश्चित ही उस शख्सियत में सहजता, सरलता के साथ जुझारूपन, अपनत्व और समाज को दिशा देने का जज्बा उनकी खास पहचान बनता है. ऐसे ही कई कलाओं में पारंगत शिक्षक राजकुमार चंदन द्वारा की गई मिसालों की चर्चा पूरी दुनिया करती है.
देवास के शिक्षक राजकुमार चंदन महज 15 बरस की उम्र से ही कला के क्षेत्र में अपना जौहर दिखाने लगे थे. कभी उन्होंने पानी पर चित्रकारी तो कभी पानी पर रंगोली बनाकर सबको अपने हुनर से दंग कर दिया. वहीं उनकी गजलें और किताबें लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं.
दुनिया की सबसे लंबी गजल
शिक्षक राजकुमार ने दुनिया की सबसे लंबी गजल लिखी है. इसके अलावा पानी पर चित्रकारिता, पानी में महाभारत कालीन रंगोली, सबसे कम समय में पुस्तक का लेखन-विमोचन सहित कई नायाब कामों के लिए नायाब पुरस्कारों से वे सम्मानित हो चुके हैं. कड़ी मेहनत के साथ उन्होंने सबसे पहले देवास में ही विश्व की सबसे लंबी लिखी गजल लिखी. महाभारत कालीन विद्या को पानी पर कई बार कोशिश करने के बाद देवास के मीठा तालाब पर इस हजारों साल पुरानी कला रंगोली को बनाने में वे सफल हुए.