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देवास के इस सरकारी स्कूल की खास है बात, यहां पढ़ाई के साथ हुनर की होती है परख - government school

देश में अव्यस्थाओं और बदहाली के लिए पहचाने जाने वाले सरकारी स्कूलों की अलग ही तस्वीर पेश करता है देवास जिले के बागली विकासखंड का सरकारी स्कूल. जहां शिक्षक सच्ची निष्ठा के साथ बच्चों को पढ़ाने के अलावा कला का धनी बना रहे हैं.

students of government school
इस स्कूल के क्या कहने

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Published : Feb 22, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Feb 22, 2020, 3:00 PM IST

देवास।जब भी सरकारी स्कूल के हालातों की बात आती है तो सबसे पहले उनकी बदहाली की ओर ही ध्यान जाता है. कहीं किसी सरकारी स्कूल के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं तो कहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं हैं. लेकिन देवास जिले के बागली विकासखंड का एक सरकारी स्कूल ऐसा स्कूल है जहां बच्चों को अच्छा शिक्षा स्तर देने के अलावा टीचर कला का धनी भी बना रहे हैं. देखें बागली विकासखंड के झीकड़ाखेड़ा गांव के सरकारी स्कूल की ये रिपोर्ट­-

इस स्कूल के क्या कहने!

इन तस्वीरों में ये जो बच्चे आपको झाड़ू बनाते नजर आ रहे हैं, इन्हें देख आप हैरत में मत आइए. ये इनकी कोई मजबूरी नहीं है बल्कि वे खुद इसे बनाने के इच्छुक हैं. और हंसी-खुशी बनाते भी हैं. ये तस्वीरें हैं बागली विकासखंड के झीकड़ाखेड़ा गांव स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय की. जहां शिक्षक सुनील पाटीदार और विष्णु जाधव मिलकर स्कूली बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें कला में भी निपुण बना रहे हैं. शिक्षक विष्णु जाधव ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बच्चों को झाड़ू बनाना सिखाया जा रहा है.

झाड़ू बनाना सिखते स्कूली बच्चे

वहीं शिक्षक सुनील पाटीदार ने बताया कि हम शिक्षक मिलकर स्कूल में बच्चों के लिए अलग और अच्छा माहौल बनाने के लिए नवाचार करते रहते हैं. बच्चों को सिंगिंग, डांसिंग, भारतीय कल्चर, अंग्रेजी लेखन, योगा, कृषि, पर्यावरण की जानकारी के अलावा जो भी हमेशा बन पाता है. उन्हें सिखाने की हमेशा कोशिश में रहते हैं. जितना हमें आता हैं उतना हम उन्हें लगातार सिखाते ही रहते हैं. इससे स्कूल में अच्छा वातावरण रहता है और बच्चों का मन भी लगा रहता है.

कृषि की जानकारी लेते स्कूली बच्चे

बागली का ये स्कूल राज्य स्तर पर भी सम्मानित हो चुका है. वहीं इसे चैंपियन स्कूल के नाम से भी जाना जाता है. जहां जिला स्तर पर कलेक्टर ने इसे सम्मानित किया है तो वहीं मंत्री भी इस कड़ी में पीछे नहीं रहे हैं. स्कूल शिक्षकों की मेहनत में कोई शक नहीं है.

एक ओर जहां यहां बच्चों को कला में निपुण बनाया जा रहा है. वहीं ये स्कूल भी सुविधाओं में निपुण है. आज के जमाने में जहां सब मां-बाप अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं. वहीं इस इस गांव के लोग कहते हैं कि हमारे बच्चे यहीं बहुत कुछ सीख रहे हैं. इसके साथ ही वे कहते हैं कि अगर हर क्षेत्र में इसी तरह के सरकारी स्कूल बन जाएं तो प्राइवेट स्कूल की जरूरत ही नहीं होगी.

Last Updated : Feb 22, 2020, 3:00 PM IST

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