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...लो अब शिप्रा नदी भी बन गई 'जहरीली'! 'वेस्ट वाटर केमिकल ने बढ़ाई चिंता'

उज्जैन पहुंचने वाली शिप्रा नदी का पानी उज्जैन जाते समय देवास के रास्ते में ही जहरीला हो गया है. जिससे क्षेत्र के रहवासियों में बीमारियों का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है. वहीं पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कंपनियों को अल्टीमेटम दे दिया है.

Shipra river water is poisonous due to chemical waste
उज्जैन पहुंच रहा केमिकल युक्त पानी

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Published : Dec 18, 2019, 2:39 PM IST

देवास।उज्जैन पहुंचने वाली शिप्रा नदी का पानी उज्जैन जाते समय देवास के रास्ते में ही वाटर केमिकल वेस्ट के चलते जहरीला हो रहा है. शहर के इंडस्ट्रियल एरिया से 10 किलोमीटर की दूरी में हवनखेड़ी गांव है, जहां फैक्ट्रियों और कंपनियों के वेस्ट वाटर केमिकल के चलते लोगों में गंभीर बीमारियों की समस्या देखी जा रही है. शहर के इंडस्ट्रियल एरिया के वेस्ट वाटर केमिकल के असर से शिप्रा नदी का पानी गहरे काले रंग का हो गया है. जिससे नदी का पानी जहरीला हो रहा है.

उज्जैन पहुंच रहा केमिकल युक्त पानी

उज्जैन पहुंच रहा केमिकल युक्त पानी

वहीं इस क्षेत्र के रहवासियों को इन वेस्ट केमिकल वाटर के चलते कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. पीने के पानी में वेस्ट वाटर केमिकल युक्त पानी मिल रहा है. जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है. शिप्रा नदी में मिले इस गंदे केमिकल युक्त पानी को पीने से पालतू जानवर तक बीमार पड़ रहे है. वहीं वेस्ट केमिकल युक्त पानी शिप्रा नदी में मिलकर उज्जैन पहुंच रहा है, जहां लोग आस्था से डुबकी लगाते हैं. इस तरह से देवास के कंपनियों और फैक्ट्रियों का वेस्ट केमिकल वाटर मिलने से श्रद्धालुओं और आम जनता के जीवन से खिलवाड़ होता नजर आ रहा है.

केमिकल युक्त पानी से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

ETV भारत की टीम ने जब जिम्मेदार प्रदूषण विभाग, पर्यावरण विभाग से इस जनहित से जुड़े विषय पर उचित कदम उठाने की बात कही, तो विभाग के अधिकारी जवाबदेही से पल्ला झाड़ते नजर आए. जिला स्वास्थ्य अधिकारी से इस संबंध में बात की गई, तो डॉक्टर सक्सेना ने बताया कि इस तरह के केमिकल मिले पानी से सैकड़ों प्रकार की गम्भीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है.

पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिया कंपनियों को अल्टीमेटम

प्रदेश के पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नागधम्मन नदी अगर शिप्रा में मिल रही है, तो ये बेहद ही गंभीर मामला है. इस नदी को पहले ही कंपनियों के केमिकल ने जहरीला बना दिया है. जिसके लिए लगातार शिकायतें मिल रही थी. मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदूषण विभाग के अमले को मौके का निरीक्षण करने को कहा था, जो कंपनियां चोरी छीपे नदी में केमिलकल बहा रही हैं, उन्हें अब नोटिस देकर नहीं पूछा जाएगा, ऐसी कंपनियों को चिन्हित कर इन्हें बंद करने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले के बारे में जब जिला स्वास्थ अधिकारी से बात की तो उनका कहना है कि इस तरह के गंदे पानी से गम्भीर बीमारियां हो सकती हैं.

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