देवास। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गरीब वर्ग के लोगों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिनमें से सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन योजना भी एक महत्वपूर्ण योजना है. जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चों को स्कूल में भोजन कराया जाना होता है. कोरोना काल में कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी सरकारी स्कूल बंद होने से स्कूली बच्चों को खाद्यान्न स्कूल से वितरित किया जा रहा है. लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते शासन की योजना को पलीता तो लग ही रहा है. बुधवार को कन्नौद तहसील के कुसमानिया के शासकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रत्येक स्कूली बच्चों को महीने भर में एक बार 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल वितरित किया गया. जिसमें गेहूं की गुणवत्ता तो खराब थी ही साथ में गेहूं में बड़ी संख्या में कीड़े लगे हुए थे, जो कि खाने योग्य भी नहीं था. इस सम्बंध में जिम्मेदार टाल मटोल जवाब देते रहे.
इस संबंध में शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुसमानिया के प्रधान अध्यापक आरएस वर्मा से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आगे से राशन की दुकान से जैसे खाद्यान्न हमें मिला है वैसे ही हमारे द्वारा वितरित किए जा रहे हैं. वहीं कुसमानिया राशन दुकान के सेल्समैन विनोद जोशी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा क्षेत्र के करीब 12 स्कूलों को खाद्यान्न दिया जाता है. खराब गुणवत्ता का खाद्यान्न हमारे पास गोदाम में ना तो उपलब्ध है ना ही स्कूलों में हमने वितरित किया है. स्कूल वालों ने पुराने रखे गेहूं वितरित कर दिए होंगे.