देवास। जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के किनारे नेमावर स्थित है. मोक्षदायिनी नर्मदा नदी के किनारे नेमावर में हर पितृमोक्ष अमावस्या पर हजारों श्रद्धालु आते हैं.
पितृमोक्ष अमावस्या पर लगा हजारों श्रद्धालुओं का तांता अमावस्या की रात के बाद सुबह तक हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा नदी लमें डुबकी लगाई. इस आस्था के लिए शासन और प्रशासन का अमला तैनात रहा, ताकि किसी तरह का हादसा ना हो सके. खातेगांव के SDM, ASP ग्रामीण नीरज चौरसिया सहित पुलिस विभाग के 300 से ज्यादा स्टाफ लगातार नेमावर में तैनात रहे.
भूतड़ी अमावस्या में मिलती है बुरी शक्तियों से मुक्ति
नेमावर में मां नर्मदा नदी के तट पर हर साल भूतड़ी अमावस्या की रात में हजारों की संख्या में दूर-दूर से लोग अपने दुःख-दरिद्रता से निजात पाने के लिए आते हैं. यहां लोग आस्था के साथ अनेक हथियारों से तंत्र-मंत्र की साधना का प्रयोग करते नजर आते हैं. वहीं कई मानसिक बीमारी के लोगों को भी यहां देखा जा सकता है. सिद्ध स्थान होने के कारण बाहरी बाधाओं से पीड़ित लोग अपने परिजन के साथ आते हैं. जहां पूरी रात नर्मदा के तट पर तंत्र-मंत्र और आस्था का नजारा दिखाई देता है. पंडित नाचते-गाते इन बुरी शक्तियों पर काबू पाने की जद्दोजहद करते रहते हैं.
इस दौरान पंडित पीड़ित को बैठाकर विधि-विधान से पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र करते हैं. लोग बताते हैं कि बुरी शक्तियां विकराल रूप ले लेती हैं. बुरी शक्ति पीड़ित के शरीर को छोड़ने के लिए शर्तें रखती हैं. पूजा-पाठ से काबू में आने पर पंडित पीड़ित को पूजा-पाठ कर नर्मदा नदी में डुबकी लगवाते हैं.