देवास। इलाके में बारिश नहीं होने के कारण किसान और आमजन की चिंता बढ़ने लगी है, इसलिए हाटपिपल्या और आस पास के लोग बाग रसोई मनाकर भगवान इंद्र को मना रहे हैं. इस दौरान हिंदू, मुस्लिम एकता की बानगी भी देखने को मिली जब मंदिर और मस्जिदों में सभी ने मिलकर एक साथ पूजा की.
यहां के लोग कहते हैं कि हाटपिपल्या और आस-पास के इलाकों में जब बारिश नहीं होती तो यहां के रहवासी बाग रसोई मनाते हैं. बाग रसोई के बारे में बताते हुये चंदर सिंह पटेल ने कहा कि कि ये पारंपरिक पूजा है, जिसमें सभी लोग अपने काम धंधे छोड़कर रुठे हुये भगवान को मनाने के लिये बगीचे में रसोई लगाते हैं और क्षेत्र के सभी मंदिर-मस्जिद में विशेष पूजा-इबादत करते हैं.