MP Seat Scan Hatpipliya: हाटपिपलिया विधानसभा सीट में चेहरा वही पार्टी बदली, दलबदल से रोचक हुआ सियासी गणित
चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे देवास जिले की हाटपिपलिया विधानसभा सीट के बारे में. इस सीट का चुनाव बेहद रोचक होता है. साल 2018 में जहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो वहीं 2020 में हुए उपचुनाव में यह सीट एक बार फिर बीजेपी के कब्जे में चली गई.
देवास। मध्यप्रदेश की हाटपिपलिया सीट पर विधानसभा का चुनाव रोचक हो सकता है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के दावेदार के चेहरे बदल चुके हैं. पहले कांग्रेस के लिए जो दावेदार हुआ करते थे, अब वह विधायक मनोज चौधरी बीजेपी के दावेदार हैं, जबकि बीजेपी से इस सीट पर टिकट मांगने वाले पूर्व मंत्री दीपक जोशी अब कांग्रेस का गमछा गले में डाल चुके हैं. वैसे इस सीट पर कभी बीजेपी का पलड़ा भारी रहा तो कभी कांग्रेस का. इस बार बीजेपी एक बार फिर सिंधिया समर्थक मनोज चौधरी को चुनाव में उतार सकती है. उधर पूर्व मंत्री दीपक जोशी भले ही कांग्रेस में शामिल हो गए हों, लेकिन अभी भी उनके नाम को लेकर कशमकश चल रही है.
कभी बीजेपी, कभी कांग्रेस का रहा दबदबा: 1976 में हुए परिसीमन के बाद बागली और देवास के कुछ हिस्सों को अलग कर हाटपिपलिया विधानसभा सीट का गठन किया गया था. 1977 में इस सीट पर पहला विधानसभा चुनाव हुआ. उस वक्त इस सीट पर जनता पार्टी के तेज सिंह करण सिंह ने 14 हजार 453 वोटों से जीत दर्ज की थी. इसके बाद इस सीट पर 10 विधानसभा चुनाव हुए. इनमें से 6 बार बीजेपी और 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर दो बार उपचुनाव हो चुका है और दोनों ही उपचुनाव बीजेपी ने जीता है. पहला उपचुनाव 1990 के चुनाव के बाद हुआ था, जिसमें बीजेपी के करन सिंह सेंधव ने जीत दर्ज की थी. दूसरा उपचुनाव 2020 में हुआ, इसमें कांग्रेस से बीजेपी में आए मनोज चौधरी ने चुनाव जीता था.
हाटपिपलिया सीट का रिपोर्ट कार्ड
सीट पर राजपूत और पाटीदार निर्णायक: इस विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां 22 हजार खाती और करीबन इतने ही मुस्लिम समाज के वोटर हैं. इसके अलावा राजपूत समाज के 17 हजार और पाटीदार समाज के 10 हजार वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस सीट पर मतदाता हमेशा जमकर जोश दिखाते हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सबसे ज्यादा 85.57 फीसदी वोटिंग हुई थी. इसमें पुरुषों की सर्वाधिक वोटिंग परसेंटेज 87.40 फीसदी रहा था. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,01,740है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,03,275, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 98,462 है और 3 अन्य हैं.
बीजेपी में तस्वीर साफ, कांग्रेस में मंथन:विधानसभा चुनाव में सिंधिया समर्थक मनोज चौधरी का एक बार फिर पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरना तय माना जा रहा है. हालांकि कांग्रेस में इस सीट पर टिकट को लेकर कशमकश की स्थिति चल रही है. पिछले दिनों पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह बघेल के बेटे राजवीर सिंह बघेल का इस सीट से टिकट पक्का किए जाने का बयान दिया, इसको लेकर कांग्रेस के दूसरे दावेदार विश्वजीत सिंह चौहान ने कड़ी आपत्ति जताई थी. इसको लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई थी. हालांकि बीजेपी के टिकट पर 2003 और 2008 में हाटपिपलिया से चुनाव जीत चुके दीपक जोशी भी अब कांग्रेस में आ चुके हैं. उन्हें भी इस सीट से टिकट का दावेदार माना जा रहा है, हालांकि उन्हें कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.