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नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, दर्शन के लिए लगी लंबी लाइन

देवास के बड़ी माता तुलजा भवानी और छोटी माता चामुंडा भवानी के दर्शन के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. नवरात्रि पर्व की शुरूआत सबसे पहले बड़ी माता तुलजा भवानी व छोटी माता चामुंडा भवानी के दरबार में घट स्थापन के साथ हुई. इसके बाद मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ महा आरती आरंभ हुई.

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Published : Sep 29, 2019, 1:00 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 2:50 PM IST

बड़ी माता तुलजा भवानी

देवास। नवरात्रि के पहले ही दिन प्रसिद्ध देव स्थल माता टेकरी पर बड़ी माता तुलजा भवानी और छोटी माता चामुंडा भवानी के दर्शन के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. नवरात्रि पर्व की शुरूआत सबसे पहले बड़ी माता तुलजा भवानी व छोटी माता चामुंडा भवानी के दरबार में घट स्थापन के साथ हुई. इसके बाद मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ महा आरती आरंभ हुई.

माता तुलजा भवानी मंदिर में जनसैलाब

नाथ सम्प्रदाय के पुजारियों के अनुसार देवास के प्रसिद्ध देव स्थल माता तुलजा चामुंडा का स्थान माता का रक्त पीठ कहा जाता है. पूरे देश में देवास स्थित माता चामुंडा का यह रक्तबीज स्थल माता के उन शक्तिपीठ में से एक है जो अनादिकाल से यहां स्थित है.

पुजारी ने बताया कि छोटी माता चामुंडा मंदिर पर राजा भर्तहरि ने कभी तपस्या की थी. राजा पृथ्वीराज सिंह के सेनापति वरदाई ने अपने जीवन के आखिरी वर्ष यहीं पर बिताए थे.
बताया जाता है कि माता चामुंडा माता की मूर्ति चमत्कारिक रूप से दिन में तीन रूप बदलती है. नवरात्रि में यहां लाखों दर्शनार्थियों का जान सैलाब दर्शन के लिए पहुंचता है. नवरात्रि में भक्त 9 दिनों तक मां की आराधना करते हैं.

मंदिर पुजारी के मुताबिक बड़ी माता तुलजा भवानी और विशाल स्वरूप में छोटी माता चामुंडा के दर्शन करने मात्र से यहां मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि माता अपने भक्तों की मुराद जरुर पूरी करती हैं.

Last Updated : Sep 29, 2019, 2:50 PM IST

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