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नर्मदा क्षेत्र हुआ बाढ़ग्रस्त, रातभर रेस्क्यू कर लोगों को निकाला गया सुरक्षित बाहर - late night rescue in nemawar

देवास के खातेगांव में तेज बारिश के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है, जिस वजह से निचले इलाकों की बस्तियों में पानी भर गया. वहीं मौके पर पहुंची टीम ने लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

rescue at night
रात में रेस्क्यू

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Published : Aug 30, 2020, 11:37 AM IST

देवास।खातेगांव के नेमावर में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिस वजह से घाट किनारे और कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. नर्मदा तट के ग्राम मेलपीपल्या में नर्मदा का रुख काफी विकराल होता जा रहा है. मेलपीपल्या और जूना गांव के बीच खेतों में निवास करने वाले दो परिवार चारों ओर से पानी में घिर गए, जिन्हें नाव की मदद से बाहर निकाला गया. बता दें इससे पहले यहां ऐसे हालात 2013 में बने थे.

नर्मदा क्षेत्र हुआ बाढ़ ग्रस्त


लगातार मालवा में हो रही बारिश के साथ बांधों के प्रभाव को खोलने के कारण जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर प्रशासन का हाई अलर्ट भी जारी है. वहीं सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए लगातार जिला प्रशासन जुटा हुआ है, जिसके लिए पुलिस चेक प्वाइंट से लगातार हर जगह निगरानी रखी हुई है. फिलहाल लोगों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके सामानों का ट्रैक्टर के जरिए परिवहन किया जा रहा है.

लोगों को किया जा रहा जागरूक
नेमावर में नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिस कारण निचली बस्तियों में बसे लोगों को लगातार सूचना देकर जागरूक किया जा रहा है. फिलहाल कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है.

पुलिस से जानकारी के लिए बनाए गए सभी प्वाइंटों पर सीधे पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिवदयाल मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खातेगांव नेमावर क्षेत्र में विशेष प्रशासनिक व्यवस्थाओं के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा और उनकी टीम क्षेत्र में जुटी हुई है. इसके साथ ही नियंत्रण के लिए NDRF और SDRF की सुपर सुरक्षा व्यवस्था से भी संपर्क में है.

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विधायक भी रहे रात भर मौजूद
विधायक आशीष शर्मा भी रातभर नेमावर क्षेत्र में प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर मौजूद रहे और बचाव-राहत कार्य मे खुद भी जुटे रहे. सालों बाद नर्मदा नदी का रौद्र रूप देखा गया, जो कि खतरे के निशान से 14 फीट ऊपर तक जा पहुंचा. प्रशासन द्वारा नर्मदा का सामान्य जल स्तर 885 मिलीमीटर तक रहता है. इससे ऊपर जाने पर प्रशासन अलर्ट जारी कर देता है.

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