देवास। वन्यप्राणी अभ्यारण्य खिवनी के वनपरिक्षेत्र में शाकाहारी वन्यप्राणियो की संख्या को बढ़ाने एवं मांसाहारी वन्य प्राणीयों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो इस हेतु चीतल हिरण का स्थानांतरण कार्यक्रम लगातार जारी है. शाकाहारी वन्यप्राणी की संख्या बढ़ने से मांसाहारी वन्यप्राणी को जंगल के भीतर पर्याप्त भोजन उपलब्ध होगा और वे जंगलो से बाहर नहीं निकलेंगे. जिससे की ह्यूमन एनिमल कॉन्फ्लिक्ट की संभावनाएं कम होगी. साथ ही जंगल सफारी के लिए आने वाले टूरिस्ट को भी वन्यप्राणी को प्रत्यक्ष रूप से देखने की संभावना भी बढ़ेगी. वन्यप्राणी खाद्य श्रंखला मे शाकाहारी वन्यप्राणियों का महत्वपूर्ण स्थान है, इनकी उपस्थिति खाद्य श्रृंखला को मजबूती प्रदान करेगी.
अभयारण्य में वर्तमान में नील गाय, साम्भर हिरण, चौसिंघा एवं जंगली सुअर मौजूद हैं. जिन्हें बाघ एवं तेंदुआ लगातार अपना शिकार बनाते रहते हैं. किंतु अभ्यारण्य में चित्तल हिरण की संख्या बहुत कम थी. जिसे बढ़ाने के लिए अन्य संरक्षित क्षेत्र से खिवनी अभ्यारण्य में चित्तल के स्थानांतरण को स्वीकृती प्रदाय की गई थी.