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Jyoti Maurya Case In MP: घरों में बर्तन मांजकर पति को पढ़ाया, कमर्शियल टैक्स अफसर बनने के बाद पत्नी को छोड़ा, रचाई दूसरी शादी

मध्यप्रदेश के देवास जिले से चर्चित ज्योति मौर्य जैसा एक मामला सामने आया है. यहां एक पत्नी ने मेहनत मजदूरी कर पति को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाया. बदले में पति ने अफसर बनने के बाद पत्नी को ही छोड़ दिया.

Jyoti Maurya Case In MP
सुलह की तस्वीरें

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Published : Jul 10, 2023, 10:19 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 1:06 PM IST

देवास में अफसर बनने के बाद पति ने पत्नी को छोड़ा

देवास। उत्तर प्रदेश के बरेली की एसडीएम (SDM) ज्योति मौर्य का मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है. ज्योति मौर्य ने एसडीएम बनने के बाद पति को छोड़ दिया. पति आलोक मौर्य का दावा है कि वह किसी अफसर के साथ रिलेशन में आ गई है. ज्योति मौर्य के पति द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आलम यह है यह खबर नेशनल टेलीविजन से लेकर सोशल मीडिया पर छाई हुई है. वहीं कई तरह के मीम्स भी इस पर बन चुके हैं. ज्योति मौर्य की घटना से जुड़ा ऐसा ही एक मामले एमपी के देवास जिले से सामने आया है. दोनों कहानी में अंतर इस बात का है, यहां बेवफाई का आरोप पति ने नहीं बल्कि पत्नी ने लगाया है. पत्नी की मेहनत की कमाई से पढ़ लिखकर अफसर बने पति ने पहली पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी कर ली.

ममता ने उठाया पढ़ाई का खर्च: देवास जिला मुख्यालय से 50 KM दूर आदिवासी क्षेत्र है, लेकिन यहां पीड़ित पति नहीं बल्कि पत्नी है. पत्नी ने पति को पढ़ाने के लिए घरों में बर्तन मांजे, मजदूरी कर रुपए जुटाए लेकिन जब पति कमर्शियल टैक्स अफसर बन गया तो दूसरी महिला से शादी कर ली. पति और दोनों पत्नियां आदिवासी समुदाय की है. महिला ने बताया "जिले के बागली क्षेत्र में आरिया की निवासी ममता का कमरू हठीले से प्रेम-प्रसंग था. जून 2015 में दोनों ने कोर्ट मैरिज की. कमरू स्नातक उत्तीर्ण था, लेकिन उसके पास नौकरी या रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं थी. ममता ने उसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कहा. कमरू ने प्रतियोगिता परीक्षाओं के फार्म और किताबों आदि पर खर्च होने वाली राशि की बात कही, तो ममता ने यह जिम्मा उठाया."

घरों बर्तन मांजकर और सफाई कर पति को बनाया अफसर: इंदौर शहर में ममता ने दूसरों के घरों में साफ-सफाई की, बर्तन मांजे और दुकानों पर काम कर पति के लिए किताबें-नोट्स मंगवाएं. जिससे वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सके. आखिरकार 2019-20 में कमरू को सफलता मिली और कमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर उसका चयन हुआ. रतलाम जिले में उसकी पोस्टिंग हुई. इसी बीच वह जोबट निवासी युवती के संपर्क में आया तो ममता को मायके भेज उसके साथ रहने लगा. ममता का कहना है कि "उसके पहले पति का निधन हो गया था. उसके बाद वह कमरू के संपर्क में आई थी. करीब छह साल दोनों साथ रहे. ममता का कहना है कि उसकी पहली शादी 16 वर्ष पहले हुई थी. शादी के ढाई साल बाद ही पति की मौत हो गई थी. पहले पति से एक बेटा था, लेकिन कुछ महीने पहले ही उसके 15 वर्षीय बेटे की भी मौत हो गई.

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पति ने की दूसरी शादी:महिला ने बताया "कमरु ससुराल पक्ष का रिश्तेदार था. ससुराल में रहते हुए पति के निधन के बाद दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया. कमरु उस समय पढ़ाई करता था. कमरु को पढ़ाने के लिए खूब मेहनत की थी, लेकिन नौकरी लगने के बाद वह बदल गया. उसने दूसरी शादी कर ली. मैं फिर भी रहना चाहती थी, लेकिन साथ नहीं रखा. फिर मैंने अगस्त 2021 में कोर्ट में वाद दायर किया. भरण पोषण के प्रतिमाह 12 हजार ₹ भी नहीं दे रहे. अब मैं कहा जाऊं, मुझे न्याय चाहिए."

क्या बोले वकील: ममता के "वकील सूर्यप्रकाश गुप्ता का कहना है कि बागली में दायर वाद की सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट में स्वीकार किया था कि ममता मेरी पत्नी है और इसे साथ रखूंगा. नहीं रखने पर 12 हजार रुपए प्रतिमाह देने की बात भी कही थी, लेकिन अब वह इससे भी इनकार करने लगा है. मामले में अगली तारीख 22 जुलाई लगी है."

Last Updated : Jul 11, 2023, 1:06 PM IST

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