देवास। जिले के बागली तहसील में आंवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकूट महोत्सव के अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. इसी तरह अकरम चापड़ा में भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाए गए और भंडारे का आयोजन किया गया.
आंवला नवमी त्योहार का है विशेष महत्व
पन्ना जिले को पवित्र नगरी कहा जाता है, जहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है और अनेक मान्यताएं यहां प्रचलित हैं. वहीं अक्षय नवमी के दिन पन्ना में महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला. महिलाएं मान्यता के अनुसार व्रत रख कर आंवले की पेड़ की पूजा की और मन्नते मांगी.
आंवला नवमी में लगा भगवान को छप्पन भोग
बैतूल जिले में भी आंवला नवमी का त्योहार मनाया गया. आंवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए पूजा करती है. आज के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाने और उसे ग्रहण करने का विशेष महत्व है.
आंवला नवमी में करते है आंवले के पेड़ के नीचे भोजन
आंवला नवमी के मौके पर हरदा जिले में भी महिलाओं ने अपनी संतान प्राप्ति और रक्षा के लिए आंवले की पेड़ की पूजा की. वहीं रक्षासूत्र बांधकर भोजन किया.