देवास। खातेगांव खिवनी अभ्यारण्य इन दिनों लकड़ी माफिया के निशाने पर है और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से जंगल का अस्तित्व खतरे में है. इसमें वन विभाग की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिल रही है. रघुनाथ पूरा बीट के कक्ष क्रमांक 209 में अनगिनत सागौन, पलाश और अन्य तरह के पेड़ों की अवैध कटाई की गई है. वैसे तो खिवनी अभ्यारण्य के लगभग सभी कक्षों के जंगल में हुई पेड़ों की कटाई से इनकार नहीं किया जा सकता. जंगल में कदम-कदम पर कटे पेड़ों के ठूंठ देखने को मिल रहे हैं. जंगल में कई जगह पर ठूंठ के पास लकड़ी के छिलके भी पड़े हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि माफियाओं ने जंगल में ही सिल्लियां बनाई है.
खिवनी अभ्यारण्य देवास और सीहोर जिले में एक बड़े क्षेत्रफल में फैला है. कच्चे रास्ते से लोगों का आना जाना होता है, निवारदी घाट से होकर लोग दौलतपुर तक आना जाना करते हैं. इस बीच निवारदी घाट से करीब 5 किलोमीटर अंदर सागौन और पलाश के सैकड़ो पेड़ों की अवैध कटाई हुई है, जो वन विभाग की लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है. इन दिनों खिवनी अभ्यारण्य के जंगल में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी चरितार्थ हो रही है. वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी से जंगल मैदान में तब्दील होता जा रहा है.