देवास। कन्नौद तहसील में आने वाला जिले का एक मात्र खिवनी अभ्यारण्य वन संपदा की दृष्टि से काफी समृद्ध और घना है. सरकार इसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित भी कर रही है. पर यह लकड़ी माफियाओं के हत्थे चढ़ता जा रहा है, जिससे जंगल का अस्तित्व तो खतरे में है. साथ ही वन्यजीवों के जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
खिवनी अभ्यारण्य में लगातार लकड़ी माफिया पेट काट रहे हैं, जबकि अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. खिवनी अभ्यारण्य से सटी जामनेर नदी किनारे लगे सागौन के पेड़ अधिक मात्रा में काट लिगए गए हैं, जबकि सड़क किनारे लगे अभ्यारण के पेड़ों को भी धड़लल्ले से काटा जा रहा है. जिससे वन्य प्राणियों भी असुरक्षित हो रहे हैं.