देवास।कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले लिया है. कोरोना पॉजिटिव के साथ-साथ उपचारत लोगों की मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं और थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. श्मशान में रोजाना सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है. वहीं शहर के पुराना पत्ती बाजार में सिंधी धर्मशाला के सामने अंत्योष्टि सामग्री की दुकान के संचालक लीलाधर व्यास करीब 20 वर्षों से संचालित करते आ रहे हैं. उन्होंने दो महीने से अचानक शहर में मौत के ग्राफ में बढ़ोतरी होने के चलते मन दुखी होने पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर बताया.
सीएम और पीएम को चिट्ठी लिखकर जताया दुख. रोज हो रहीं लगभग 20 मौतें
लीलाधर व्यास का कहना है कि उन्हें दुकान संचालित करते हुए करीब 20 वर्ष हो गए. इतने वर्षों में अभी तक सामान्य दिनों में करीब औसतन पांच लोगों की मौत होती थी. वहीं इस वर्ष मार्च और अप्रैल में अचानक मृत्यु की दर बढ़ने लगी है. अब एक दिन में करीब 10 से 15 लोगों की मौत हो रही है. पांच अप्रैल को तो करीब 15 से 20 लोगों की मृत्यु हुई है. इस तरह मृत्यु दर बढ़ने को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने, कोरोना वैक्सीनेशन बढ़ाने और दवा की कालाबाजारी बंद करने का निवेदन किया है. उन्होंने अपी चिट्ठी में कहा है कि गरीबों को अस्पताल में सस्ता इलाज दिलवाया जाए.
मौत का ग्राफ बढ़ने के कारण लिखी चिट्ठी
बता दें कि लीलाधर व्यास 10 साल से कम उम्र के बच्चे के अंत्योष्टि के सामान के रुपये नहीं लेते हैं। वहीं जो चंदा करके अंत्योष्टि का सामान लेने आते हैं उनसे भी ज्यादा रुपये नहीं लेते हैं. जितने रुपये चंदा करके लाये हैं, उतना ही रख लेते है। वहीं लावारिस शव की अंत्योष्टि के लिए मुफ्त सामान देते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने का कारण यह बताया कि अचानक लोगों की मौत होने का ग्राफ बढ़ने के चलते उन्हें स्वयं बेचैनी हुई. इसी के चलते चिट्ठी लिखकर अपने मन की पीड़ा बताई. लीलाधर व्यास ने बताया कि उन्हें एंड्राइड मोबाइल चलाना नहीं आता इसलिए उन्होंने चिट्ठी लिखने का मन बनाया.
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वहीं ETV BHARAT देवास की टीम ने शहर के ही एक अंत्योष्टि का सामान बेचने वाले दुकानदार नवीन से बढ़ते मौत के आंकड़े और वर्तमान में अंत्योष्टि का सामान खरीदने वालं ग्राफ में बढ़ोतरी के बारे में चर्चा की. उन्होंने बताया कि सुबह से ही लोग दुकान पर समान खरीदने पहुंच जाते हैं. उन्होंने कहा कि वह वर्षों से यहां दुकान कर रहे हैं. वर्तमान में हो रही मौत आने वाले बुरे समय की तरफ इशारा करती नजर आ रही है. साथ ही शहर के सबसे बड़े मुक्तिधाम की व्यवस्था देखने वाले नगर निगम के कर्मचारी ने बताया कि पिछले सात दिनों में मौत के आंकड़े एकदम से बढ़े हैं. लगभग करीब 57 से 58 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ है. यहां दाह संस्कार के लिए 13 शेड बने हैं लेकिन वह भी अब कम पड़ने लगे हैं.