देवास। खातेगांव विकास खंड में शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते प्राइवेट स्कूल संचालक बच्चों को मैजिक वाहनों में ठूस-ठूस कर भरते हैं और संचालक की मनमानी के आगे शिक्षा विभाग भी नतमस्तक है. हरण गांव में संचालित ज्ञान पब्लिक स्कूल के एक मैजिक वाहन में 30 बच्चों को भरकर ले जाया जा रहा है, जबकि स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग और यातायात नियमों को ताक पर रखकर मनमानी कर रहा है. स्कूल वाहन में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने पर न तो अभिभावक ध्यान दे रहे हैं और न ही शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी. ऐसे में रोजाना बच्चे अपना जीवन दांव पर लगाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं
स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते दांव पर बच्चों की जिंदगी! - Unseen standards in school buses
देवास में शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते प्राइवेट स्कूल संचालक बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं
जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते है बच्चे
प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद शहर और अंचल में प्राइवेट स्कूलों के संचालक स्कूली बसों में मानकों की अनदेखी कर रहे हैं. स्कूली बसों सहित अन्य वाहनों का रंग पीला तो जरूर होता है, लेकिन उन पर न तो स्कूल का पूरा नाम लिखा है और न ही मोबाइल नंबर. परिवहन विभाग की लापरवाही के बाद स्कूली वाहनों में आने-जाने वाले बच्चे किस हाल सफर करते हैं. इसकी जानकारी अभिभावकों को भी नहीं रहती है, जिसका फायदा स्कूल वाले उठाते हैं.
Last Updated : Jan 1, 2020, 12:23 PM IST