देवास।हाटपीपल्या इलाके में अमरूद की खेती से एक सराफा कारोबारी की किस्मत बदल गई. व्यापारी ने रायपुर से विशेष किस्म के पौधे मंगवाए थे, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है. ये व्यापारी VRN अमरूद की खेती कर रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके बारे में देख कर इसकी खेती करनी शुरु की और दो साल में अमरूद का बगीचा खड़ा कर दिया. इसकी खास ये है कि, वो इसकी खेती पूरे ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं.
अमरूद की खेती से बदली सराफा व्यापारी की किस्मत, कमा रहे अच्छा मुनाफा
देवास जिले के हाटपीपल्या इलाके में अमरूद की खेती से एक सराफा व्यापारी की किस्मत बदल गई, व्यापारी ने बताया कि उन्होंने रायपुर से विशेष किस्म पौधे मंगवाए थे.
बगीचा लगाने वाले अंकुर सोनी ने बताया कि VRN किस्म के अमरूद की बारे में पता चलते के उन्होंने रायपुर छत्तीसगढ़ से इसके पौधे मंगवाए और अपने खेत में करीब 600 पौधे लगाए. जिस पर दो साल की मेहनत के बाद अब फल आने लगे हैं, इस विशेष किस्म के एक अमरूद का वजन 4 सौ ग्राम से एक किलो तक होता है.
अंकुर ने बताया कि, वीएनआर अमरूद को विशेष पद्धति से तैयार किया जाता है. इस पद्धति में जब अमरूद छोटे आकार का होता है, तब उसे मौसम की मार से बचाने के लिए फोम की जाली और उसके बाद पॉलीथिन और बाद में कागज से बंद किया जाता है, ताकि अमरूद का आकार बढ़ सके और उसमें कीड़े या कोई बीमारी न लगे. इसमें पूरी तरह से जैविक खाद का ही उपयोग किया जा रहा है.