दतिया। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कहर सिंध नदी ने बरपाया है. सिंध नदी के आसपास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि 50-60 सालों में सिंध नदी का ऐसा रौद्र रूप कभी नहीं देखा. अब सिंध का पानी उतरने लगा है और तबाही के निशान नजर आने लगे हैं. सिंध नदी के करीब बने कोटरा, सुनारी, पाली, हिनोतिया, बडोनकला गांवों में सबकुछ अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीणों ने बताया कि घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया है. अनाज, पानी, इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत घर-गृहस्थी का सारा सामान या तो खराब हो गया है, या बह गया है.
कोटरा गांव में सबकुछ हुआ बर्बाद
कोटरा गांव में रहने वाली 80 साल की लक्ष्मीबाई ने बताया कि उनके घर में सारे सामान बर्बाद हो गए हैं. न खाने को कुछ बचा है, न रहने को, न सोने को. घर में रखा अनाज खराब हो गया है, सामान भी खराब हो गया है. बहुत सारा सामान बह गया है. पहनने को कपड़े तक नहीं बचे हैं. ये ही हाल गांव के लगभग हर घर का है. लक्ष्मी ने बताया कि 2 रात और 2 दिनों तक उनके घर पानी में डूबे रहे. इतने सालों में ऐसी तबाही उन्होंने नहीं देखी.
पाली और सुनारी गांव के भी हाल बेहाल