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Shardiya Navratri 2022: नवरात्र के पहले दिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पीताबंरा पीठ में ठेका माथा, जानें यहां की खासियत - पीताम्बरा पीठ दतिया में नरोत्तम मिश्रा

दतिया में मां पीतांबरा का मंदिर देश के शक्तिशाली शक्तिपीठों में से एक है. जहां लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे साल रहती है. सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो गई है. इसके पहले दिन प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा यहां पहुंचे और मां बगलामुखी के दर्शन कर देश और प्रदेश में खुशहाली की कामना की. shardiya navratri 2022, narottam mishra in pitambara peeth datia

shardiya navratri 2022
शारदीय नवरात्रि 2022

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Published : Sep 26, 2022, 3:41 PM IST

दतिया।26 सितंबर सोमवार से मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि की शुरआत हो गई है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है. इस दिन माता शैलपुत्रि की पूजा की जाती है. आज से नौ दिनों तक मां दुर्गा की नौ शक्तियों की पूजा होगी. माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ रही है. इस बीच दतिया के प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ मंदिर में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहुंचे, जिन्होंने माता के दर्शन किए. (shardiya navratri 2022) (pitambara peeth datia)

पीताम्बरा पीठ दतिया में नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री ने पीताबंरा पीठ में ठेका माथा: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ मंदिर पहुंचकर मां बगलामुखी के दर्शन किए. इस दौरान गृहमंत्री महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए. इसके साथ ही वे दशहरा महोत्सव की बैठक में भी हिस्सा लिया. वैसे तो गृहमंत्री प्रति शनिवार माई के दरबार में हाजिरी लगाने जाते हैं. मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है. इसीलिए देश के सभी राजनेता मां के दरबार में मत्था टेकने आते हैं. कहा जाता है कि मां पीतांबरा के दर पर अर्जी लगाने के बाद आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटता है. (narottam mishra in pitambara peeth datia)

Shardiya Navratri 2022: विश्व विख्यात मां पीतांबरा पीठ की अनोखी कहानी, मंदिर में यज्ञ होते ही 1962 के युद्ध में चीन ने बॉर्डर से हटा लीं थी फौजे

शक्तिपीठ में विशेष अनुष्ठान करने से मिलती है सफलता:कहा जाता है जब भी देश के ऊपर संकट आया है, तब गोपनीय रूप में पीतांबरा पीठ में साधना और यज्ञ का आयोजन होता है. केवल भारत-चीन युद्ध ही नहीं, बल्कि 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी दतिया के शक्तिपीठ में विशेष अनुष्ठान किया गया था. कारगिल युद्ध के समय भी अटल बिहारी वाजपेयी ने पीठ में एक यज्ञ का आयोजन किया था और आहुति के अंतिम दिन पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा था. मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है. (first day of navratri shailputri)

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