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नहीं रहे शोले के सूरमा भोपाली, दतिया के सैयद से कैसे बने जग'दीप', ये है पूरी कहानी... - सूरमा भोपाल निधन

दतिया के रहने वाले कॉमेडियन जगदीप उर्फ सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी का 8 जुलाई को मुबंई में निधन हो गया है. दुनिया उन्हें जगदीप, सूरमा भोपाली जैसे तमाम नामों से जानती है. कुछ ऐसा रहा उनका सफर...

Comedian Jagdeep passed away
कॉमेडियन जगदीप का निधन

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Published : Jul 9, 2020, 8:37 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 11:03 PM IST

दतिया। मशहूर वेटरन कॉमेडियन जगदीप का बुधवार रात मुंबई में निधन हो गया है. वे 81 साल के थे. जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था. वे एक्टर जावेद और नावेद जाफरी के पिता थे. बताया जा रहा है कि जगदीप लंबे समय से बीमार थे.

सूरमा भोपाली का निधन

सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी का जन्म 29 मार्च 1939 को दतिया में हुआ था. सैयद के पिता एक वकील थे. शुरू से ही अदाकारी का शौक रखने वाले इश्तियाक का फिल्मी जगत का सफर बड़ा ही दिलचस्प है.

इश्तियाक की बड़ी बहन की शादी मुंबई में हुई थी और उनके पति महमूद अली निजी व्यवसाय के साथ-साथ फिल्मों में लेबर और एक्सट्रा आर्टिस्ट सप्लाई किया करते थे. इन्हीं दिनों इश्तियाक अपने घर से भाग कर मुंबई अपनी बहन के घर जा पहुंचे. वहीं अपने बहनोई महमूद के साथ फिल्म स्टूडियो आते जाते इन्हें एक बाल फिल्म में काम मिल गया. इसके साथ ही इश्तियाक 'जगदीप' के नाम से मशहूर हो गए.

जगदीप ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत साल 1951 में बी आर चोपड़ा की फिल्म अफसाना से की थी. इस फिल्म में जगदीप ने बतौर बाल कलाकार काम किया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया. इनमें गुरूदत्त की आर-पार, बिमल राय की दो बीघा जमीन जैसी फिल्में शामिल हैं. फिल्म हम पंछी एक डाल के में जगदीप के काम को लोगों ने काफी सराहा था.

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इस फिल्म में जगदीप के रोल की तारीफ की थी. जगदीप के बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी भी मनोरंजन उद्योग से जुड़े रहे हैं.

फिल्म 'शोले' की शूटिंग चल रही थी और तभी जगदीप के पास रमेश सिप्पी का फोन आया कि उनके लिए इस फिल्म में एक रोल है और फिर यहीं से शुरू हुआ 'सूरमा भोपाली' का सिलसिला, और लोग जगदीप को उनके असली नाम से कम और 'सूरमा भोपाली' के नाम से ज्यादा जानने लगे.

अब जब सूरमा भोपाली इस दुनिया में नहीं हैं, तो पूरे दतिया गम में डूब गया है. उनके पड़ोसी भी जगदीप को याद कर रहे हैं. जगदीप अपने आखिरी समय में दतिया आना चाहते थे लेकिन लगातार बीमार रहने की वजह से उनका ये सपना अधूरा ही रह गया.

Last Updated : Jul 9, 2020, 11:03 PM IST

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