दतिया।शहर का किसान कैलाश अपने आपको जिंदा बताने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है. प्रशासन की गलतियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है, जिस कारण उसे सरकारी योजनाओं का पायदा नहीं मिल रही है. इसी की शिकायत लेकर आज कैलाश कलेक्ट्रेट में चल रही जन सुनवाई पहुंचा.
खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा किसान - datia Farmer wandering Administrative office
दतिया का किसान कैलाश अपने आपको जिंदा बताने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है. प्रशासन की गलतियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है, जिस कारण उसे सरकारी योजनाओं का पायदा नहीं मिल रही है.
कैलाश दांगी निवासी ग्राम सिंधबारी किसान जिसके खाते में मोदी सरकार के द्वारा किसान सम्मान निधि की राशि आती है जो कि 3 बार उसके खाते में राशि आ चुकी है लेकिन जैसे ही चौथी राशि आनी थी उसके पहले ही कैलाश को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है.
अब कैलाश अपने आपको कागजों को लेकर अपने आप को जीवंत बताते हुए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. कभी वह तहसीलदार की चौखट पर एड़ियां रगड़ता है तो कभी एसडीएम कार्यालय पर. पत्रकारों ने जब कलेक्टर संजय कुमार सिंह से बात की गई तो उनका कहना था यह मामला सामने आया है इसकी जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.