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दमोह का 'रण': शनिवार को EVM में कैद होगी उम्मीदवारों की किस्मत

दमोह उपचुनाव (Damoh by-election) के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाने हैं. इस सीट पर 21 उम्मीदवार मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है, लेकिन प्रचार-प्रसार के मामले में कोई किसी से कम नहीं साबित हुआ. उपचुनाव में दोनों दलों ने जीत के लिए सारे हथकंड़े आजमाए हैं. मगर बीजेपी प्रत्याशी के चचेरे भाई वैभव सिंह लोधी भी चुनावी मैदान में हैं जो मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं. ये सीट लोधी बाहुल्य है और इस वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिशें सभी दल कर रहे हैं.

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Published : Apr 16, 2021, 5:05 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 5:38 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona infection) के बढ़ते मामलों के बीच दमोह उपचुनाव के लिए शनिवार को वोट डाले जाएंगे. उपचुनाव के 'रण' (Damoh by-election's 'Rann') में उतरे बीजेपी-कांग्रेस सहित करीब 21 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कल वोटिंग मशीनों में कैद होगा. दमोह में होने वाले मतदान को लेकर चुनाव आयोग (Election commission) ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. चुनाव आयोग के सामने दमोह में शांतिपूर्व और निष्पक्ष मतदान के साथ, कोरोना से बचाव की भी बड़ी चुनौती है. इसके मद्देनजर चुनाव के दौरान बूथ पर मास्क, फेस शील्ड और ग्लब्ज का उपयोग किया जाएगा. किसी तरह का कोई संक्रमण न फैले, इसके लिए सभी मतदाताओं के तापमान की जांच की जाएगी. बूथ पर ही सैनेटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था होगी. चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों पर कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

लंबी लाइन से बचने के लिए दिए जाएंगे टोकन

मतदान के दौरान कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना भी चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि मतदान केन्द्रों पर लोगों की लंबी लाइनें न लगें. उपचुनाव के लिए 359 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. सभी केन्द्रों पर सैनेटाइजर, कर्मचारियों के लिए पीपीई किट (PPE Kit), फेशियल कवर, दस्ताने और स्कीनिंग मशीन दी गई हैं. केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पूरा ख्याल रखा जाएगा, साथ ही लंबी-लंबी लाइनों से बचने के लिए टोकन प्रणाली (Token system) अपनाने के निर्देश दिए गए हैं. मतदान केन्द्रों (Polling stations) को मतदान के पहले सैनेटाइज किया जाएगा. मतदान के लिए पहुंचने वाले मतदाताओं के हाथों को सेनेटाइज किया जाएगा, मास्क लगाया जाएगा और इसके बाद ही मतदाता, पोलिंग सेंटर (Polling stations) में दाखिल हो सकेंगे. मतदाताओं को एक हाथ का ग्लब्ज दिया जाएगा, वोटिंग मशीन का बटन दबाने के बाद ग्लब्ज को डस्टबिन में फेंक दिया जाएगा. यदि किसी मतदाता का टेम्परेचर बढ़ा हुआ पाया जाता है तो मतदान के अंतिम एक घंटे में उससे मतदान कराया जाएगा, इसके लिए उन्हें टोकन दिया जाएगा.

BJP-CONGRESS के बीच मुख्य मुकाबला

दमोह उप चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी (BJP candidate Rahul Singh Lodhi) और कांग्रेस उम्मीदवार अजय टंडन (Congress candidate Ajay Tandon) के बीच माना जा रहा है. दमोह विधानसभा, सीट कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई है, राहुल सिंह लोधी 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. दमोह विधानसभा सीट (Damoh Assembly seat )पर कुल मतदाताओं की संख्या 2.39 लाख है, इसमें 1.24 लाख पुरूष मतदाता और 1.15 महिला मतदाता शामिल हैं. कोरोना को देखते हुए इस बार कुल 359 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.

2018 के चुनाव में राहुल लोधी ने हराया था जयंत मलैया को

दमोह विधानसभा सीट (Damoh Assembly seat ) को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में राहुल सिंह लोधी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए बीजेपी के कद्दावर नेता और लगातार 7 बार से चुनाव जीतते आ रहे पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया (BJP leader Jayant Malaiya) को शिकस्त दी थी. हालांकि दोनों के बीच जीत का अंतर महज 798 वोटों का था.

कांग्रेस प्रत्याशी कोरोना पॉजिटिव

विधानसभा उपचुनाव के बीच कोरोना महामारी ने प्रचार में शामिल नेताओं को भी नहीं छोड़ा. कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन (Congress candidate Ajay Tandon) सहित कई नेता कोरोना संक्रमित हुए. भाजपा कांग्रेस दोनों ही दलों के 6 से ज्यादा लोग पॉजिटिव हुए.

सभा के बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का चौंकाने वाले बयान

कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए राहुल सिंह को लेकर बिकाऊ-टिकाऊ का मुद्दा जोर शोर से उछला. ऐसे में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Union Minister Prahlada Singh Patel) के एक बयान ने भाजपा की मुश्किलें और बढ़ाईं. बमुश्किल एकजुट हुई भाजपा अब फिर से दो फाड़ हो रही है. इसका सीधा असर यदि चुनाव पर पड़ेगा तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी. 13 अप्रैल को लक्ष्मण कुटी धाम (Laxman Kuti Dham Damoh) में ज्योतिरादित्य सिंधिया की आमसभा (Jyotiraditya Scindia of general meeting in Damoh)आयोजित की गई थी, जिसमें संस्कृति मंत्री भी शामिल थे. उन्होंने यहां एक बेहद चौंकाने वाला बयान दे डाला. उन्होंने मंच से नाम लिए बगैर जयंत मलैया पर जिस तरह आरोप और तंज कसे उससे लोग हैरान और खासे नाराज आए.

कमलनाथ का शिवराज पर हमला

कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के पक्ष में रोड शो करने आए कमलनाथ ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, कि हमने 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया था. इस बात को खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) ने विधानसभा में स्वीकार किया है. कमलनाथ (Kamal nath) ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री झूठ नहीं बोलते उस दिन उनका खाना हजम नहीं होता. 2014 में छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला खुद मुख्यमंत्री ने रखी थी. जो मनमोहन सिंह सरकार ने स्वीकृत किया था. उसके बाद भी मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं कि कमलनाथ छतरपुर का मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा (Medical College Chhindwara) ले गए. उन्होंने मेडिकल कॉलेज के दस्तावेज भी मीडिया के सामने रखे.

दमोह में सिंधिया- कमलनाथ की तकरार

मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें कमलनाथ और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को लुटेरा बताया गया था. कमलनाथ ने कहा कि वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा किसने बना दिया था? यह बात सब जानते हैं कि किसके राज में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है. एक सौदेबाज दूसरे सौदेबाज के पक्ष में प्रचार करने आया है.

'15 महीने की सरकार में एक सीएम नहीं था'

दमोह में जनसभा को संबोधित करते हुए सिंधिया कांग्रेस पर जमकर बरसे थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 15 महीने की कांग्रेस की सरकार में सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं था, बल्कि जोड़ी नंबर वन थी. इस जोड़ी नंबर वन ने 15 महीनों में मध्य प्रदेश को लूट प्रदेश बना दिया और अब दमोह में आकर सौदेबाजी की बात करते हैं. 2018 में ये जोड़ी नंबर वन आपके सामने आई थी तो कहा था कि हर किसान का 2 लाख तक का कर्जा माफ कर देंगे, ये बात तो मुझसे भी कहलवाई गई थी. कांग्रेस के बड़े नेता आकर कहते थे 1 साल नहीं, एक महीना नहीं, 10 दिन में कर्जा माफ करेंगे नहीं तो मुख्यमंत्री को बदल देंगे.

कांग्रेस ने पिटारे से निकाला 'टिकाऊ-बिकाऊ' का मुद्दा

विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए दमोह में भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उपचुनाव में हर तरह का चुनावी पैंतरा आजमाया जा रहा है. रैली और रोड़ शो के बाद ने अब सीधे जनता से मिलकर नेता उसे साधने में लग गए हैं. यहां चुनाव प्रचार के लिए आए सीएम को तख्तियां दिखाईं गईं तो कांग्रेस ने टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा एक बार फिर गर्माने की कोशिश की.

BJP प्रत्याशी राहुल लोधी के चचेरे भाई वैभव लोधी भी मैदान में

बीजेपी के प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के चचेरे भाई निर्दलीय उम्मीदवार वैभव सिंह लोधी (Independent candidate Vaibhav Singh Lodhi) भी उनके खिलाफ मैदान में उतर गए हैं. इसके साथ ही वैभव सिंह दमोह उप चुनाव के रंग में डूब चुके हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि यह लड़ाई अब आम जनता की लड़ाई है. उन्होने अपने लिए चुनाव में जूता चिन्ह की मांग आयोग से की थी बाद में चप्पल के चुनाव चिह्न से संतोष करना पड़ा.

दमोह के 'रण' में 21 उम्मीदवार

दमोह उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाने हैं. इस सीट से 21 उम्मीदवार मैदान हैं. इससे पहले एक शिवसेना प्रत्याशी रहे राज पाठक भाजपा में शामिल हो चुके हैं. मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है लेकिन प्रचार प्रसार के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी. उपचुनाव में दोनों दलों ने जीत के लिए हर हथकंड़ा आजमाया. अब शनिवार को उम्मीदवारों की किस्मत मतदाता मतदान के साथ EVM में कैद कर देगा.

Last Updated : Apr 16, 2021, 5:38 PM IST

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