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भारी बारिश से खेतों में खराब हुईं फसलें, आसमान छू रहे सब्जियों के दाम

प्रदेश के कई स्थानों में बारिश का दौर जारी है, जिससे किसानों की फसलें खराब हो गई हैं. वहीं दमोह जिले में भी भारी बारिश के चलते किसानों की सब्जी की खेती खराब हो गई है, जिसके कारण सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हुई है और इस महंगाई की मार हर वर्ग को झेलनी पड़ रही है. पढ़िए पूरी खबर...

Rise in prices of vegetables
आसमान छू रहे सब्जियों के दाम

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Published : Aug 28, 2020, 3:03 PM IST

दमोह।मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. जिसका सबसे ज्यादा असर किसानों पर देखा जा रहा है. जहां उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं. दमोह जिले में भी हाल कुछ ऐसा ही है, जहां पहले बारिश ही नहीं होने से खरीफ की फसलों को नुकसान हुआ, वहीं अब अधिक बारिश होने के कारण जिले में लगने वाली सब्जियां नष्ट हो गई हैं. यही कारण है कि जिले में अब बाहरी जिलों और राज्यों से सब्जियां आ रही हैं. ऐसे हालात में इनके दाम भी बहुत अधिक हैं और मंडियों में दाम ज्यादा होने से फुटकर बाजार में भी सब्जियां महंगी बिक रही हैं. दोनों ही हालातों में आम जनता को महंगाई की मार से दो चार होना पड़ रहा है.

बारिश से सब्जियों की फसल खराब, आसमान छू रहे दाम

दूसरे राज्यों से हो रहा सब्जियों का आयात

दमोह जिले में जहां सब्जी मंडियों में टमाटर और आलू दूसरे राज्यों से आ रहा है, तो कई सब्जियां लोकल पहुंच रही हैं. बाहर से आने वाले टमाटर और आलू की कीमत आसमान छू रहे हैं. मंडी में जहां इसका रेट 40 रुपए प्रति किलो है, तो वहीं फुटकर बाजार में 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. आलू मंडी में 25 रुपए प्रति किलो थोक में मिल रहा है, तो वहीं बाजार में 30 से 35 रुपए किलो बिक रहा है. यही हालात स्थानीय स्तर पर आने वाली सब्जियों की भी है. कोई भी सब्जी 30 रुपए किलो से कम नहीं है.

बारिश की मार से किसान परेशान

सब्जियों के खराब होने से बढ़ी परेशानी

ऐसे हालात में जहां खेतों में लगी सब्जियां खराब हो गई है, वहीं मंडी में आते-आते भी सब्जियां खराब हो रही है. जिससे इनकी कीमतों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. मंडी के व्यापारी कहते है कि सब्जियों के खराब आने के कारण परेशानियां हो रही है, जिसके चलते सब्जियां महंगी बिक रही है.

मंडियों में बाहर से आ रही सब्जियां

सब्जियों की कीमत में आया उछाल

सब्जी की खेती करने वाले किसान कहते है कि सब्जियों के खराब होने के कारण भारी बारिश का होना हैं. ऐसे में उनको उनकी सब्जियों की उचित कीमत भी नहीं मिल पा रही है. मंडियों में आने वाली सब्जी किसानों की उम्मीद से ज्यादा कीमत नहीं दे पाती है. भले ही वह फुटकर बाजार में ज्यादा कीमत में सब्जियां बिक रही हैं, लेकिन थोक मंडी में उन्हें कीमत नहीं मिलती है. जिसके चलते बहुत सी सब्जियां स्थानीय स्तर पर आ रही है.

खराब हुई फसल

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अधिक बारिश से सब्जियों को हुआ नुकसान

कृषि अधिकारी कहते है कि पहले बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलों को नुकसान हुआ है और अब बारिश ज्यादा होने से सब्जियों और फसलों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में इनका आकलन किया जा रहा है. बीते साल की अपेक्षा इस साल संक्रमणकाल के साथ फसलों पर भी भारी नुकसान हुआ है.

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कोरोनाकाल में व्यापार-व्यवसाय चौपट

कोरोनाकाल के दौरान जहां व्यापार व्यवसाय चौपट हो गए है, वहीं रोजमर्रा की वस्तुओं में भी आग लगी हुई है. यहीं कारण है कि लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से जहां किसान पहले भी सब्जियों को लेकर भारी नुकसान उठा चुके है. वहीं अब बारिश ने उनके नुकसान को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. लॉकडाउन खुलने के बाद आशा थी कि अच्छी सब्जियां और फसलें होने से के किसानों को फायदा होगा, लेकिन दमोह जिले में ये सोच उल्टी ही पड़ती नजर आ रही है. किसानों को फसलों के साथ सब्जियों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं आम जनता भी ज्यादा कीमत पर सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं.

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