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केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने किया बीजेपी के जनादेश का दावा, कमलनाथ पर कसा तंज

दमोह पहुंचे केद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दावा किया है कि, 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी को जीत मिलेगी. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ पर भी जमकर हमला बोला है.

Union Minister Prahlada Singh Patel
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

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Published : Oct 28, 2020, 9:42 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 10:47 AM IST

दमोह। मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए बीजेपी ने मैदान में कई बड़े नेताओं और मंत्रियों को उतार दिया है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी चुनावी प्रचार करने पहुंच गए हैं. अपने दौरे के दौरान प्रहलाद पटेल ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर जमकर हमला बोला है.

केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि, उपचुनाव के जो परिणाम आएंगे, उसमें जनादेश भाजपा को मिलेगा. उपचुनाव में कितनी सीटें भाजपा जीतेगी, इस सवाल पर उन्होंने केवल जनादेश की बात कही. उन्होंने ये भी कहा कि, लोकतंत्र में एक अच्छी शुरुआत हुई है. जिसमें पहले दलबदल होता था, लेकिन अब अपनी पार्टी को छोड़ने वाला विधायक अपनी विधायकी भी छोड़ रहा है और फिर से जनता के बीच जनादेश लेने जा रहा है. पटेल ने कहा, ये लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छी बात है.

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

कमलनाथ ने दावा किया था कि, भाजपा के अनेक विधायक उनके संपर्क में हैं, इस सवाल पर प्रहलाद सिंह ने कहा कि, 'कमलनाथ को तो ये भी नहीं पता कि, उनके पैरों की जमीन कहां है'. केंद्रीय मंत्री ने एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा करते हुए उपचुनाव में जनादेश मिलने की बात कही है. तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दावों पर तंज भी कसा है. 28 अक्टूबर यानि आज छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा के घुवारा में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल जनसभा को संबोधित करेंगे.

ये भी जानिए-

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी के पक्ष में प्रचार करने जाएंगे. ये सीट मध्यप्रदेश की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण योगदान रखती है. बड़ा मलहरा सीट पर कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेला है. पार्टी ने बड़ा मलहरा विधानसभा में प्रत्याशी के रूप में साध्वी राम सिया भारती को मैदान में उतारकर दिया दिखाने की कोशिश की है कि कांग्रेस भी कहीं ना कहीं हिंदुत्व की पार्टी है. राम सिया भारती खुद इस बात को कह चुकी हैं कि वह राष्ट्रवादी हैं और साध्वी हैं.

बड़ा मलहरा विधानसभा सीट हमेशा से ही मध्यप्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रही है. बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से ही बीजेपी की फायर ब्रांड नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती विधायक रहीं थी. यही वजह है कि ऐसा माना जाता है कि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उमा भारती का इस विधानसभा में सीधा हस्तक्षेप रहता है.

बड़ा मलहारा में आज भी उमा भारती मानीं जाती हैं फायर ब्रांड नेता

राजनीतिक जानकारों की मानें तो उमा भारती ने जिस समय राम रूपी यात्रा शुरू की थी तो सबसे पहले इसी विधानसभा में उन्होंने अपनी राजनीतिक जमीन तलाशी थी और उमा भारती आज भी इस विधानसभा में ना सिर्फ फायर ब्रांड नेता के रूप में जानी जाती हैं, बल्कि कट्टर हिंदुत्व का एक चेहरा भी मानी जाती हैं.

इस सीट पर लोधी और यादव का सीधा असर

बड़ा मलहरा विधानसभा सीट में अगर जातिगत समीकरणों की बात करें तो लोधी यादव एवं अहिरवार वोटर इस विधानसभा सीट पर सीधा असर डालते हैं. ऐसा माना जाता है कि लोधी वोटर का दबदबा आज भी इस विधानसभा सीट में सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि उमा भारती आज भी लोधी मतदाताओं की सबसे पहली पसंद मानी जाती हैं, लोगों का तो यहां तक मानना है कि उमा भारती के एक बार कहने से लोधी मतदाता इधर से उधर चला जाता है.

जातिगत समीकरण बिगाड़ सकते हैं खेल

अगर जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो लोधी वोटर 37 हजार, वहीं यादव वोटर 32 हजार, और अहिरवार वोटर लगभग 44,000 के आस पास हैं. जातिगत समीकरण के चलते बड़ा मलहरा विधानसभा में सबसे ज्यादा हेरफेर होता है. ऐसा माना जाता है कि लोधी एवं यादव वोटर यहां की राजनीति में सीधा असर डालते हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने प्रदुमन सिंह लोधी तो कांग्रेस ने राम सिया भारती को चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन अखंड प्रताप सिंह के मैदान में आने से अब यहां का मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. अखंड प्रताप सिंह कांग्रेस को छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए हैं और अब उन्हें बड़ा मलहरा से बीएसपी ने टिकट देते हुए इस सीट को जीत कर लाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

बीजेपी का रहा है दबदबा

अगर बड़ा मलहरा के 30 साल के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो अब तक कुल एक बार इस विधानसभा से कांग्रेस जीती है. एक बार जनशक्ति पार्टी ने इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी. बाकी के 30 सालों से यहां पर बीजेपी का दबदबा रहा है. यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. इस सीट ने प्रदेश को मुख्यमंत्री के रूप में उमा भारती को दिया था. और एक बार फिर कांग्रेस ने इसी सीट पर एक साध्वी को मैदान में उतारकर लोगों के सामने एक साध्वी नेत्री को नेतृत्व करने के लिए भेजा है.

इस सीट ने प्रदेश को दिया था मुख्यमंत्री

1980 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो बड़ा मलहरा से अशोक चौरसिया बीजेपी से विधायक बने थे. उसके बाद 1993 में इसी सीट पर उमा यादव कांग्रेस से विधायक बनीं. वहीं 1998 में बड़ा मलहरा विधानसभा सीट पर उमा भारती के भाई स्वामी प्रसाद लोधी विधायक रहे. फिर 2003 में बड़ा मलहरा के इतिहास का सबसे रोमांचक चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती यहां से विधायक बनीं और उसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया.

बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में पार्टी के दिग्गज कर चुके हैं सभाएं

अगर चुनावी सभाओं की बात की जाए तो बीजेपी के कई दिग्गज राष्ट्रीय स्तर तक के नेता बीजेपी के प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह लोधी के पक्ष में सभाएं कर चुके हैं. खुद सीएम शिवराज यहां दो बार प्रदुमन के पक्ष में लोगों को वोट डालने की अपील कर चुके हैं. तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक बार लोगों के बीच में आ चुके हैं. आने वाली 28 तारीख को एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान प्रदुमन सिंह के पक्ष में वोट मांगते हुए दिखाई देंगे. अगर वहीं बात सियाराम भारती के चुनावी सभाओं की की जाए, अभी तक सिर्फ पूर्व नेता प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह ने राम सिया भारती के पक्ष में माहौल बनाते हुए बड़ा मलहरा पहुंचे हैं.

Last Updated : Oct 28, 2020, 10:47 AM IST

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