दमोह। कहते हैं भक्त और भगवान का नाता जन्मों-जन्मों का होता है. इसमें आस्था जितनी गहरी होती जाती है भगवान की कृपा का प्रसाद दोगुना होता जाता है. ऐसी ही श्रद्धा का नजारा देखने मिलता है जिला मुख्यालय पर स्थित भारत माता दुर्गा देवालय में जहां 180 साल से विराजमान माता दुर्गा ने भक्तों की मनोकामना पूरी करती है.यहां लोग विशेष पूजा करने के लिए दूर-दूर से आते हैं.
जिला मुख्यालय से सटे फुटेरा गांव में तालाब किनारे बने इस मंदिर को भारत माता दुर्गा देवालय के नाम से जाना जाता है.भारत परिवार के देवी प्रसाद द्वारा यह प्रतिमा सन 1851 में हटा गांव से बैलगाड़ी के माध्यम से लाई गई है. पहले यह प्रतिमा दमोह के चल समारोह में हर साल शामिल की जाती थी. लेकिन इस प्रतिमा का कभी विसर्जन नहीं किया गया.1943 में अंग्रेजों द्वारा इस प्रतिमा को पुराना थाना के पास रोक लिए जाने के बाद इसे कभी मंदिर के बाहर नहीं निकाला गया.
मिट्टी की प्रतिमा दो शताब्दी से विराजमान
भारत माता दुर्गा देवालय में विराजमान माता दुर्गा की प्रतिमा मिट्टी से निर्मित है. इस प्रतिमा को 1851 में हटा में बनाया गया था.मिट्टी की प्रतिमा जल्द ही क्षरण को प्राप्त हो जाती है ,लेकिन यह माता का चमत्कार ही है कि दो शताब्दी गुजर जाने के बाद भी प्रतिमा मूलरुप में विराजमान है.