दमोह। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम होने लगे हैं, लेकिन कई ऐसे आंकड़े हैं जो काफी दर्दनाक हैं. दमोह जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां पर हुए विधानसभा उपचुनाव ने कई परिवार उजाड़ दिए. इनमें नेताओं के साथ-साथ कई शिक्षक भी शामिल हैं. चुनावी ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों की जिंदगी दांव पर लगा दी गई. दमोह विधानसभा उपचुनाव में ड्यूटी पर तैनात करीब 25 से 30 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, दमोह में करीब 10 नेताओं ने कोरोना से जान गंवा दी. विधानसभा उपचुनाव के दौरान सभी प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्र में थे. वहीं शिक्षक ड्यूटी पर तैनात थे.
मध्य प्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन ने दमोह के जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए मामला उनके संज्ञान में डाला है और सहायता राशि के साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति देने की बात कही है.
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शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम ने पत्र में लिखा है कि दमोह जिले में 57 शिक्षकों का दुखद निधन हुआ है, जिसमें से दमोह विधानसभा उपचुनाव के कार्य में लगे लगभग 25 से 30 शिक्षक निर्वाचन प्रशिक्षण एवं मतदान दल की ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रमित हुए और उनकी मौत हो गई. उन्होंने पत्र में लिखा कि म़तक शिक्षकों के आश्रितों की मदद के लिए सहायता राशि और नौकरी दी जाए, जिससे उनका परिवार चल सके.