दमोह।हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव में अजब- गजब मामले सामने आ रहे हैं. एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और गंभीर चूक पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. मामला पथरिया जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत देवरान का है. यह पथरिया विधायक रामबाई परिहार का ग्रह ग्राम भी है. यहां रिटर्निंग अधिकारी की गंभीर भूल सामने आई है. जिसमें न केवल एक अनुचित नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया गया, बल्कि संबंधित प्रत्याशी विजयी भी हो गया. अब मामला खुलने के बाद अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं.
गणना में भी जीता अयोग्य प्रत्याशी :दरअसल, पथरिया जनपद की देवराम ग्राम पंचायत आरक्षण प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी, लेकिन यहां पर सामान्य वर्ग की प्रत्याशी संगीता बलवंत राजपूत ने ओबीसी वर्ग का शपथ पत्र पेश करके नामांकन दाखिल कर दिया. रिटर्निंग अधिकारी ने शपथ पत्र की जांच करना भी उचित नहीं समझा. असल में राजपूत जाति सामान्य वर्ग में आती हैं. लेकिन उस नामांकन को न केवल स्वीकृत कर लिया बल्कि चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिया. इतना ही नहीं मतपत्र भी निर्वाचन आयोग द्वारा प्रिंट कराकर मतदान भी करा दिया गया. लोगों को ताज्जुब तब हुआ जब परिणाम खुलने पर अयोग्य प्रत्याशी के विजयी होने की घोषणा भी कर दी गई.
निर्वाचन अधिकारी से शिकायत :निकटतम प्रतिद्वंदी बबली दीपेंद्र पटेल ने मामले की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की है, जिसमें उसने उल्लेख किया है कि निर्वाचित सरपंच संगीता बलवंत ठाकुर ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर यह चुनाव लड़ा है तथा प्रस्तुत शपथ पत्र में झूठी घोषणा की है. शिकायत में बड़ा मलहरा के एक आदेश की प्रति भी संलग्न की गई है. जिसमें कूटरचित दस्तावेज के आधार पर निर्वाचित प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने का हवाला दिया गया है.