दमोह।प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे और युवा भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. उनके इस फैसले से उनके समर्थक भले ही नाराज हो गए हैं, लेकिन सिद्धार्थ का कहना है कि उनके पिता और पार्टी का आदेश उनके लिए सर्वोपरि है. पिछले कुछ महीनों से चुनाव प्रत्याशी और चुनाव लड़ने को लेकर चल रही रस्साकशी गरुवार को सिद्धार्थ मलैया की एक घोषणा के साथ ही खत्म हो गई.
- पिता और पार्टी का आदेश सर्वोपरि- सिद्धार्थ मलैया
युवा नेता सिद्धार्थ मलैया ने गरुवार को मीडिया से बात करते हुए चुनाव लड़ने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सिद्धार्थ ने कहा कि वह अपने पिता और पार्टी के आदेश पर चुनाव न लड़ने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन अब वह पार्टी के लिए काम करेंगे. एक सवाल के जवाब में सिद्धार्थ ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें जवाबदारी देगी. तो वह पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ काम करेंगे.
- पद लेकर छोटा नहीं बनना चाहता- सिद्धार्थ मलैया
यह पूछे जाने पर की देरी से फैसला क्यों लिया ? तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन वह पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं. वे अपने वार्ड में रहकर काम करेंगे और भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में जीत दिलाएंगे. दो-तीन दिनों से निगम अध्यक्ष का पद देने की अफवाहों के बीच सिद्धार्थ ने कहा कि वह पद के लिए काम नहीं करते हैं. लेकिन उनके परिवार और उनका विश्वास काम करने पर रहा है. पद लेकर वह छोटा बनना नहीं चाहते हैं.
- घोषणाओं के क्या हैं मायने ?