दमोह।तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय महिमा कछवाहा ने 7 वर्ष पुराने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. अभियोजन के अनुसार अगस्त 2015 को प्रकाश यादव, बृजेश यादव, हीरा यादव, हुकम आदिवासी, मुनीम आदिवासी, देवेंद्र यादव, चंदू आदिवासी, मोती यादव, गणेश आदिवासी, हरि यादव, तुलसा बाई, शिवरानी, नन्नीबाई आदि ने शासकीय वन भूमि पर कच्चे मकान बना लिए एवं प्लांटेंशन पर लगे सागौन के पेड़ उखाड़ दिए थे.
अतिक्रमण रोकने पर किया हमला :सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी पीडी शुक्ला, वनपाल मोतीलाल तथा अन्य लोग सहित थाना तेंदूखेड़ा के थाना प्रभारी कुशवाहा के साथ घटनास्थल जरुआ प्लांटेशन पर पहुंचे. वहां ये सभी लाठी लिए मिले. वन अमले ने आरोपियों वन भूमि पर अतिक्रमणकर खेती न करने, टपरिया न बनाने और पौधे न उखाड़ने के लिए कहा तो सभी ने लाठी, बल्लम, कुल्हाड़ी व पत्थर से उन पर हमला कर दिया.