दमोह। उप चुनाव की वोटिंग के बाद तेजी से सामने आ रहे कोरोना संक्रमण ने हालात भयावह कर दिये हैं लेकिन जो तस्वीर सामने आ रही हैं वो हिला कर रख देने वाली हैं. बेकाबू हो रहे हालातों के बीच अब आम आदमी लूटमार पर आमादा है. तो इन हालातों में डॉक्टर्स और पेरा मेडिकल स्टाफ काम बंद करने की धमकी दे रहे हैं. अब जरा इस तस्वीर को देखिये. रात के वक्त ऑक्सीजन स्टोर रूम से मरीजों के तीमारदार कैसे सिलेंडर लूट रहे हैं.
देखिये ऑक्सीजन सिलेंडर की लूट का दृश्य अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत
ये आलम दमोह के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का है, जहां कोविड के मरीज लबालब भरे पड़े हैं और ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे लोगों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर लूट रहे हैं. बीते दो दिनों से जिला अस्पताल में सिलेंडर की लूट ऐसे ही हो रही है और इस लूट की वजह से वार्डो में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होने पर आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों की जान पर आफत बन सकती है.
MP में 18 वर्ष से ऊपर वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन, बीना में बनेगा 100 बेड का हाॅस्पिटल
पैरा मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी
मंगलवार देर रात यहां ऐसी ही लूटमार हुई और तीमारदारों ने पैरा मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी की. जिसके बाद स्टाफ और डॉक्टर्स ने काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद हालात बिगड़े रहे, लेकिन नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर्स ने मानवीयता का परिचय देते हुए कुछ मिनिटों बाद फिर काम शुरू कर दिया. मौके पर अस्पताल की सिविल सर्जन और सीएमएचओ को मामले में हस्ताक्षेप करना पड़ा.
सिविल सर्जन की 'चेतावनी'
जिला प्रशासन के नुमाइंदों के साथ इन हालातों के लिए पुलिस को अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार माना गया. सोमवार को भी इसी तरह की स्थिति बनी थी. जिसके बाद सिविल सर्जन ने अस्पताल परिसर और खासतौर पर ऑक्सीजन स्टोर रूम में सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस द्वारा इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इन हालातों के लिए सिविल सर्जन चीख चीखकर बताती रही, कि यदि समय रहते पुलिस सुरक्षा मिल जाती तो इन हालातों का आज सामना नहीं करना पड़ता. लेकिन अब सिविल सर्जन ने साफ कहा है कि यदि ऐसे ही हालात बने रहे तो वह मेडिकल स्टाफ के साथ काम बंद कर देगी.